CBI डायरेक्टर प्रवीण सूद के झारखंड दौरे के बाद क्या कार्रवाई होगी तेज? अटकलों का दौर हुआ शुरू, लग रहे हैं ये कयास

रांची। CBI के नये डायरेक्टर प्रवीण सूद झारखंड पहुंचे थे। बुधवार को उन्होंने रांची पहुंचकर कर चल रही जांच की रिपोर्ट ली और केस के डेवलपमेंट की भी जानकारी ली। इधर सीबीआई के नये डायरेक्टर के रांची पहुंचने को लेकर कयासों का भी दौर शुरू हो गया। कई जगहों पर ये खबरें भी आनी शुरू ह गयी, कि सीबीआई के डायरेक्टर के आने के बाद कार्रवाई में और तेजी आयेगी। डायरेक्टर ने कार्रवाई को लेकर कुछ इंस्ट्रक्शन अफसरों को दिये हैं।

हालांकि अधिकारी से इसे नियमित रूटिन दौरान बता रहे हैं, लेकिन सीबीआई डायरेक्टर का आना अपने-आप में काफी कुछ संकेत भी देता है। वो उस वक्त जब झारखंड में कई संवेदनशील मामलों की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक ईडी, सीबीआई और इनकम टेक्स ऐसी एजेंसियां, जो अपने इनपुट्स को एक-दूसरे से शेयर करती है। ऐसे में रांचा में अफसरों से बातचीत कर नये डायरेक्टर ने क्या कुछ इनफोर्मेंशन ली है, इसकी जानकारी नहीं मिली है।

हालांकि जानकार इसे रूटिन का विजिट बता रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सीबीआई डायरेक्टर जिम्मेदारी संभालने के बाद अक्सर वैसे राज्यों का दौरा करते हैं, जहां इन्वेस्टिगेशन चल रहा होता है। झारखंड में भी कुछ केस सीबीआई देख रही है, लिहाजा उन्होंने केस के इन्वेस्टिगेशन, डेवलपमेंट को नये डायरेक्टर देखा है।

जानकारी के मुताबिक सीबीआई के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार नए निदेशक बनने के बाद प्रवीण सूद बारी-बारी से सभी राज्यों का दौरा कर रहो हैं। पूर्व में उन्होंने लखनऊ का दौरा किया था और बुधवार को रांची का दौरा किया। उसके बाद वो मुंबई, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का भी दौरा करने वाले हैं। सूत्रों की माने तो डायरेक्टर ने महत्वपूर्ण कांडों की जांच का संक्षिप्त ब्यौरा लिया।

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जानिए कौन हैं प्रवीण सूद?
प्रवीण सूद हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं। मूल रूप से कांगड़ा के गरली परागपुर से संबंध रखने वाले प्रवीण सूद दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और पीपीएम में पोस्ट ग्रेजुएशन हैं। प्रवीण की एक बेटी है, जिसकी शादी भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल से हुई है। प्रवीण सूद साल 1986 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुए. साल 1989 में मैसूर में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया. उन्होंने बेंगलुरु में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के रूप में तैनात होने से पहले पुलिस अधीक्षक, बेल्लारी और रायचूर के रूप में कार्य किया। सूद साल 1999 से तीन साल मॉरीशस में डेपुटेशन पर भी काम कर चुके हैं. इसके बाद सूद ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन का अध्ययन किया। आईपीएस अधिकारी ने साल 2004-2007 तक मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया. इस उन्होंने पाकिस्तान मूल के आतंकवादियों की गिरफ्तारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद साल 2011 तक उन्होंने बेंगलुरु की ट्रैफिक पुलिस में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में काम किया.प्रवीण सूद को साल 1996 में सेवा में उत्कृष्टता के लिए मुख्यमंत्री के स्वर्ण पदक, साल 2002 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और साल 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था. साल 2013-14 में सूद ने कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभाला और टर्नओवर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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