हेमंत के खिलाफ क्या-क्या मिले हैं ED को सबूत, बेनाम संपत्ति हड़पने की फिराक में थे हेमंत सोरेन, इस तरह से करना चाह रहे थे खेला

रांची। हेमंत सोरेन की रिमांड आज ईडी को मिल सकती है। जिस तरह के साक्ष्य होने का दावा ईडी कर रही है, उससे एक बात साफ है कि हेमंत सोरेन की मुश्किलें आने वाले दिनों में काफी ज्यादा बढ़ने वाली है। कोर्ट में हेमंत की पेशी के दौरान ईडी ने बताया है कि राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद जमीन कब्जा में सक्रिय था। उनमें हेमंत सोरेन भी शामिल थे, इसकी जानकारी भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से बरामद दस्तावेज में मिली। उक्त मोबाइल से नकदी लेन-देने से संबंधित अधिकतर चैट व सूचनाएं, जमीन अधिग्रहण का जिक्र था।

ईडी ने कोर्ट में कहा कि बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के जरिये हेमंत सोरेन बेनामी संपत्ति हड़पने की कोशिश में थे। वे मूल दस्तावेज में हेराफेरी करवा रहे थे। आपको बता दें कि जमीन हस्तांतरण मामले में ईडी ने 14 अप्रैल 2023 को भानु प्रताप प्रसाद को छह अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था। हेमंत सोरेन के माध्यम से अवैध तरीके से अधिग्रहित जमीन की सूची से संबंधित एक फोटो भी मिला। उक्त जमीन 8.5 एकड़ है। ईडी ने कोर्ट में ये भी चहा कि हेमंत सोरेन जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।

पूछताछ के दौरान भी वो अधिकारियों को गुमराह कर रहे थे। कई ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब हेमंत सोरेन को देना है, लेकिन उन्होंने अभी तक नीहं दिया है। हेमंत सोरेन को कई समन भेजे गए, लेकिन अधिकतर समय वे ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने जानबूझकर अनुसंधान की अवहेलना की। उन्हें 31 जनवरी की शाम पांच बजे गिरफ्तार करने संबंधित सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने राज्यपाल को त्यागपत्र देने से पहले उक्त सूचना को मानने से इंकार कर दिया। चल रही पूछताछ को छोड़कर बिना अनुमति के ही वे राजभवन चले गए। इसके कारण उन्हें रात के दस बजे गिरफ्तारी आदेश, गिरफ्तारी का कारण व मेमो आदि दिया गया।

रांची के सदर थाने में एक जून 2023 को कांड संख्या 272/23 में बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के विरुद्ध जालसाजी से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसी केस में ईडी ने 26 जून 2023 को ईसीआइआर दर्ज किया। अनुसंधान के क्रम में सेना के उपयोग वाली 4.55 एकड़ भूमि की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में दर्ज एक अन्य ईसीआइआर में भी पता चला कि भानु प्रताप प्रसाद फर्जीवाड़ा सिंडिकेट के साथ मिलकर इस तरह का काम करता था।
नौ फरवरी 2023 को सर्किल कार्यालय में ईडी ने छापेमारी की तो भानु प्रताप प्रसाद के पास कुछ मूल दस्तावेज मिले, जिसमें छेड़छाड़ किए गए थे। भानु प्रताप अधिकतर मूल दस्तावेज, पंजी-2 का कस्टोडियन था। इसके बाद ईडी की 13 अप्रैल 2023 को हुई छापेमारी में भानु प्रताप प्रसाद के आवास से 11 ट्रंक जमीन से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसमें 17 मूल रजिस्टर भी थे।

भानु प्रताप प्रसाद ने उक्त जमीन का भी जालसाजों के साथ मिलकर जाली कागजात बना दिया था। जमीन घोटाला प्रकरण में ईडी की रिपोर्ट व सरकार को शेयर की गई जानकारी के आधार पर बड़गाईं अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी ने भी सदर थाने में भानु प्रताप प्रसाद के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उक्त जमीन के संबंध में हस्त लिखित नोट भी भानु के मोबाइल से मिला। जाहिर है ईडी ने ये गिरफ्तारी सिर्फ कोरी शिकायत पर नहीं की है, बल्कि उसके पास कई साक्ष्य हैं।

HPBL Desk
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