क्या है CM हेमंत का लाभ के पद का मामला : जिसमें जा सकती है मुख्यमंत्री की कुर्सी…. चुनाव आयोग को भेजा जवाब, पढ़िये
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लाभ के पद मामले ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है। शुक्रवार को हेमंत सोरेन की तरफ से सीलबंद लिफाफा में हैंड टू हैंड भी चुनाव आयोग का जवाब पहुंचाया, वहीं ईमेल के जरिये भी जवाब को भेजा गया है। अब चुनाव आयोग 31 मई को इस मामले में सुनवाई करेगा।
हेमंत सोरेन के साथ-साथ उसी दिन चुनाव आयोग में शिकायतकर्ता की भी सुनवाई होगी। इससे पहले 30 मई को बसंत सोरेन का भी पक्ष चुनाव आयोग सुनेगा। चुनाव आयोग में भाजपा ने शिकायत की थी कि मुख्यमंत्री के पद का दुरूपयोग करते हुए हेमंत सोरेन ने पत्थर खदान की लीज हासिल की थी। लाभ के पद को लेकर भाजपा ने ना सिर्फ चुनाव आयोग बल्कि राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा था।
इस मामले में राज्यपाल ने अनगड़ा खदान मामले में निर्वाचन आयोग से मंतव्य मागा गया था। मामले को लेकर 2 मई को चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी करते हुए 10 मई तक जवाब मांगा था। लेकिन हमेंत सोरेन ने ये कहकर आयोग से वक्त मांग लिया कि वो अभी अपनी माता के इलाज में व्यस्त है। चुनाव ने इसके बाद 20 मई तक वक्त दिया और ये कहा कि वो अपना जवाब प्रस्तुत करें। हालांकि हेमंत सोरेन ने 4 सप्ताह का वक्त मांगा था। कल जब आयोग की तारीख का आखिरी दिन था, तो हेमंत सोरेन की तरफ से जवाब भेजा गया है।
हालांकि पार्टी की तरफ से ये कहा जा रहा है कि अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर स्टोन माइनिंग लीज को मुख्यमंत्री सरेंडर कर चुके हैं, इसलिए मामला नहीं बनता है। हालांकि ये जवाब मुख्यमंत्री की तरफ से पहले भी आ चुका है। हाईकोर्ट में भी उन्होंने यही जवाब दिया था कि चार फरवरी 2022 को माइनिंग लीज सरेंडर कर चुके हैं। माइनिंग लीज से उन्होंने एक रूपया भी प्राफिट नहीं लिया है।
यह खदान हेमंत सोरेन के पास 2008 से है। उन्होंने लिखा है कि इस मामले में 9(ए) का मामला ही नहीं बनता है। इस मामले में उनकी विधायकी जाने का भी मामला नहीं बनता। इस मामले में जवाब में हरियाणा और गोवा का भी हवाला दिया गया है। विधायक के रूपब में लीज लेना किसी भी कानून के तहत अयोग्य ठहराने केलिए पर्याप्त नहीं है। अनगड़ा के 88 डिसमिल माइनिंग लीज की जमीन जिसका खाता नंबर 26, प्लांट नंबर 482 को 10 साल केलिए 17 मई 2008 को स्वीकृत किया गया था। फिल साल 2018 में लीज के नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। यह आवेदन लैप्स कर गया था। कलेक्टर ने साल 2021 में इस खदान के लिए नये सिरे से आवेदन आमंत्रित किया था।
तब हेमंत ने भी आवेदन किया था। इसमें सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और फिर माइनिंग लीज उन्हें मिली, लेकिन माइनिंग लीज पर खनन करने की अनुमति नहीं मिली और चार फरवरी 2022 को उन्होंने माइनिंग लीज को सरेंडर करने का आवेदन दिया। जिसे स्वीकार कर लिया गया। अत: उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और आयोग से सारे उदाहरण पर गौर करते हुए मंतव्य देने का आग्रह किया गया है।