हेमंत अब क्या करेंगे ? 10वें समन के बाद अब CM के पास क्या हैं विकल्प, ED की जल्दबाजी के क्या है मायने? हेमंत मार्च तक क्यों मांग रहे मोहलत
रांची। झारखंड में जमीन घोटाले को लेकर ED लगता है जल्दबाजी में है। जिस तरह से ताबड़तोड़ 9वां और 10वां समन भेजा गया है, उससे एक बात तो साफ है कि लोकसभा चुनाव के पहले ही ईडी सब हिसाब-किताब बराबर कर देना चाहती है। खबर है कि 9वें समन के जवाब में मुख्यमंत्री ने मार्च तक की मोहलत मांगी थी, ऐसा दांव इसलिए भी मुख्यमंत्री की तरफ से चला गया हो, क्योंकि हर किसी को पता है कि मार्च में लोकसभा की आचार संहित लगनी है। जाहिर है, लोकसभा के पहले अगर ED कोई एक्शन लेती है, तो चुनाव में उसका कोई पालटिकल माइलेज उन्हें मिल सकता है। लेकिन लगता है कि ईडी फरवरी में ही सब कुछ खत्म करना चाह रही है।
10वां समन जो जारी हुआ है, उसमें सिर्फ 72 घंटे का वक्त दिया गया है, मतलब 29 से 31 के बीच पूछताछ के लिए हर हाल में हाजिर होने का हुक्म है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि विधानसभा के बजट सत्र का हवाला देकर हेमंत सोरेन एक बार फिर से ईडी से समय मांगने की तैयारी में है, हालांकि समय मिलेगा, इसकी गुंजाईश ना के बराबर दिख रहा है। हालांकि इसे लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया जा रहा है।
भेजे समन में ईडी ने सीएम को 29 से 31 जनवरी का समय दिया है। साथ ही साफ कहा है कि अगर आप पूछताछ के लिए समय नहीं देंगे तो हम खुद समय तय करेंगे। आप नहीं आ सकते हैं तो हम आएंगे। ईडी ने अपने से आने का समय 30 जनवरी को दिया है। दरअसल, नौवें समन के जवाब में हेमंत सोरेन ने बजट सत्र और दूसरे कार्यों में व्यस्त होने के कारण 31 मार्च तक पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हो पाने की बात कही थी।
आपको याद होगा इससे पहले 20 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन से मुख्यमंत्री आवास में पूछताछ की थी। करीब साढ़े सात घंटे ये पूछताछ चली थी। 20 जनवरी की पूछताछ के बाद ईडी ने 23 जनवरी को पत्र के रूप में नौवां समन भेजा था। जिसमें ईडी ने 27 से 31 जनवरी के बीच समय और स्थान बताने को कहा था। ईडी सीएम से जमीन घोटाला मामले में पूछताछ कर रही है।
ईडी के इस पत्र का सीएम हेमंत सोरेन ने बीते गुरुवार को जवाब भेजा। जिसमें उन्होंने बताया कि वे 31 मार्च तक व्यस्त हैं। ऐसे में वे पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को ईडी को भेजी हुई चिट्ठी में विधानसभा के आगामी बजट सत्र सहित अन्य आवश्यक कार्यों में सीएम ने अपनी व्यस्तता का हवाला दिया है। जानकारी है कि इस बार कुछ दस्तावेजों को भी उपलब्ध कराने की बात समन में लिखी गयी है। जाहिर है हेमंत की राह आने वाले कुछ दिनों में मुश्किलों से भरी रहने वाली है।