कौन है वो तीन लड़के, जिसने रिपोर्टर बनकर खूंखार माफिया अतीक अहमद और उसके भाई को गोलियों से भून दिया… बोले- मर भी जाता तो कोई गम नहीं था, जानिये क्यों थे अतीक से नाराज
प्रयागराज। खूंखार माफिया अतीक अहमद और उसके भाई को मीडिया और पुलिस के सामने मौत की नींद सुलाने वाले तीनों लड़कों की जानकारी सामने आयी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोली चलाने वाले अभियुक्तों ने पुलिस के सामने कथित तौर पर दिए अपने बयान में कहा है, "माफ़िया अतीक़ का पाकिस्तान से संबंध था. उसने और उसके गैंग में शामिल सदस्यों ने तमाम निर्दोष लोगों का कत्ल किया था।
अतीक़ ज़मीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ़ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला."गोली चलाने वाले तीनों अभियुक्त अलग-अलग मामलों में पहले भी जेल जा चुके हैं.
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पुलिस ये भी पता लगा रही है कि अभियुक्त कब और कैसे प्रयागराज आए थे।तीनों हमलावर शातिर अपराधी हैं. तीनों ही हत्या, लूट समेत संगीन आरोप में जेल जा चुके हैं। जेल में ही उनकी आपस में दोस्ती हो गई. ये तीनों अतीक़ और अशरफ़ की हत्या करके डॉन बनना चाहते थे।
शनिवार को तीनों ने मीडियाकर्मी बनकर अतीक़ और अशरफ़ अहमद को नज़दीक से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.पूछताछ में पुलिस को तीनों आरोपियों- लवलेश तिवारी, सन्नी और अरुण मौर्य ने कहा कि हम मर भी जाते तो हमें कोई गम नहीं था. हम फिदाइन बन कर आए थे.
पूछताछ में तीनों ने कहा- हमारे बेगुनाह भाईयों लोगों की अतीक और अशरफ़ हत्या करता रहा है.पूछताछ में तीनों हत्यरोपी धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने धर्म का काम किया है. अन्याय का अंत किया है. हमें कोई गिला शिकवा नहीं. हमें फांसी दे दी जाये तो भी हंसी हंसी चढ़ जाएंगे. हमने अपना काम कर लिया है. उधर, तीनों हत्यारों से पूछताछ करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम ने बांदा, हमीरपुर और कासगंज के पुलिस कप्तानों से आरोपियों के बैकग्राउंड और क्रिमिनल रिकॉर्ड का जानकारी मांगी है. बता दें अतीक और अशरफ की हत्या की एफआईआर प्रयागराज के शाहगंज थाने में दर्ज की गई.
जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों युवक अलग अलग मामलों को लेकर पहले भी जेल जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी लवलेश तिवारी बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है। इन तीनों का कहना है कि माफिया अतीक का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध था। लश्कर ए तैयबा से भी उसका कनेक्शन था। अतीक गैंग से सभी लोग खौफजदा थे। इसलिए हमने उन्हें मार डाला।