रामगढ़ का राजा कौन ?… उपचुनाव में प्रत्य़ाशियों के नामों पर अटकलबाजी की दौर जारी, क्या कहते हैं रामगढ़ के आंकड़े

रामगढ़। ममता देवी की विधायकी छिने जाने के बाद खाली हुई रामगढ़ की सीट पर उपचुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। चुनावी तैयारी के साथ-साथ प्रत्याशी के नाम पर भी मंथन शुरू हो गया है। अभी चुनाव की तारीख तो तय नहीं हुई है, लेकिन पार्टी ने चुनाव की तैयारी जरूर शुरू कर दी है। कांग्रेस के बारे में कहा जा रहा है कि वो ममता देवी के पति बजरंग महतों पर दांव खेल सकती है। हालांकि आजसू की तरफ से सुनीता चौधरी भी दावेदारी कर रही है। सुनीता चौधरी, चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी है। साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन की उम्मीदवार ममता देवी ने 99,944 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर आजसू पार्टी की उम्मीदवार सुनीता चौधरी 71,226 मत प्राप्त की थी।

भाजपा के प्रत्याशी 2019 में रणजय कुमार 31,874 मत के साथ तीसरे स्थान पर थे। पिछली बार आजसू व बीजेपी ने अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किये थे, इस बार इस सीट पर दोनों में गठबंधन हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है। रामगढ़ विधानसभा सीट में 21 साल के बाद उपचुनाव होगा। साल 2000 में सीपीआई के शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह के निधन के बाद उप चुनाव हुआ था। अब दूसरी बार उपचुनाव हो रहा है। शब्बीर अहमद कुरैशी के निधन के बाद रामगढ़ विधानसभा का सीट खाली हुआ था। जिसमें इसके बाद फरवरी, 2001 में यहां झारखंड का पहला उपचुनाव हुआ था। जिसमें बाबूलाल मरांडी ने स्वर्गीय भेड़ा सिंह की पत्नी नादरा बेगम को हराकर जीत हासिल की थी।

हालांकि प्रत्याशी के नाम पर कांग्रेस, आजसू और भाजपा किसी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा जहां पार्टी की बैठक में प्रत्याशी चयन की बात कह रहीहै, तो वहीं आजसू के गठबंधन पर भी भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं आजसू का है कि पार्टी रामगढ़ में मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी इसे लेकर चुनाव समिति की बैठक में निर्णय लेगी।

HPBL Desk
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