…आखिर क्यों छोड़ना पड़ गया JSSC चेयरमैन को पद ? DGP का ओहदा संभालने वाले नीरज सिन्हा से क्या JSSC ….
रांची। डीजीपी जैसे ओहदे को बखूबी संभालने वाले IPS नीरज सिन्हा JSSC चेयरमैन की जिम्मेदारी क्यों नहीं संभाल पाये? नीरज सिन्हा को महज छह महीने में ही JSSC चेयरमैन का पद क्यों छोड़ना पड़ गया? ये सवाल भी बड़ा है और सस्पेंस भी काफी गहरा…हालांकि इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं है। जानकार कहते हें कि जिस तरह से JSSC को लेकर विवाद चल रहा था, उससे एक बात तो तय था कि JSSC चेयरमैन को या तो पद छोड़ना होगा या फिर उन्हें हटा दिया जायेगा। लिहाजा चेयरमैन ने खुद ही पद छोड़ना ज्यादा मुफीद समझा।
वैसे देखा जाये, तो JSSC कभी भी अविवादित नहीं रहा है। अधिकांश परीक्षा सवालों मं घिरी रहती है, विवादों का नया बम JSSC सीजीएल परीक्षा पेपर लीक ने फोड़ दिया। पेपर लीक को लेकर जिस तरह से परीक्षा कराने के लिए चयनित फर्म से लेकर चयन प्रक्रिया तक संदिग्ध नजर आ रही थी, उससे ये तय था कि विवाद किसी ना किसी की बलि जरूर लेगी।..आखिरकार चेयरमैन के इस्तीफे के रूप में इसकी परिणीति सामने सामने आयी है। हालांकि खबर ये है कि बदलाव यहीं खत्म नहीं होने वाला, कुछ और बड़े बदलाव जल्द हो सकते हैं।
चीफ सेकरेट्री को भेजे अपने इस्तीफे में चेयरमैन नीरज सिन्हा ने इस्तीफे की वजह को व्यक्तिगत वजह बताया है। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी नीरज सिन्हा को सितंबर महीने में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। नीरज सिन्हा झारखंड के डीजीपी भी रह चुके हैं। वे साल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। बतौर झारखंड डीजीपी उन्होंने 12 फरवरी 2021 से लेकर 11 फरवरी 2023 तक सेवा दी है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में उनका कार्यकाल छह माह का रहा।
मुख्य सचिव को भेजे त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है, कि व्यक्तिगत कारणों से आज (21.02.2024) से आयोग के अध्यक्ष का पद त्याग रहा हूं। बता दें कि बतौर जेएसएससी अध्यक्ष उन्होंने अपने कार्यकाल में स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई, जो विवाद में घिर गई। जूनियर इंजीनियर का परिणाम जारी नहीं कर पाने की वजह से भी लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा था। वहीं JSSC CGL परीक्षा पेपर लीक को लेकर भी आयोग सवालों में था।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी नीरज सिन्हा को सितंबर महीने में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। कार्मिक विभाग ने 14 नवंबर 2023 को उनके नाम की चिट्ठी जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि बतौर अध्यक्ष उनकी नियुक्ति 27 नवंबर 2023 से प्रभावी होगी।
झारखंड के डीजीपी भी रह चुके हैं नीरज सिन्हा
पेपर लीक मामले में अब तक 12 लोगों से हुई पूछताछ
पेपर लीक मामले में एसआईटी ने अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। जबकि, गिरफ्तारी केवल तीन लोगों की ही हो सकी है। एसआईटी ने पटना, कोडरमा, पलामू और रांची लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है।
इस मामले में एसआईटी ने परीक्षा लेने वाली एजेंसी सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड के चेन्नई स्थित कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों से भी पूछताछ किया। एसआईटी ने कर्मियों से जानना चाहा कि आप लोग प्रश्न पत्र कैसे तैयार करते हैं। इसकी जानकारी किन-किन को होती है, क्वेश्चन पेपर की प्रिंटिंग कहां होती है।