शिक्षिका की गजब करतूत : 7 साल से स्कूल ही नहीं आयी, लेकिन मिलता रहा हर महीने का वेतन, खुलासे के बाद विभाग में मचा हड़कंप

दरभंगा। एंक तरफ शिक्षा विभाग में सख्ती को लेकर नये-नये फरमान जारी हो रहे हैं, दूसरी तरफ शिक्षक अपने अधिकारियों को ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही एक मामला दरभंगा से सामने आया है। दरभंगा के के गौरबौरम प्रखंड के प्राथमिक स्कूल तेनुवा में एक शिक्षिका सात साल से स्कूल आ रही है, लेकिन हर महीने का उसे वेतन घर बैठे मिल रहाहै। RTI में हुए खुलासे के बाद विभाग के हाथ-पांव फुले हुए हैं। शिक्षिका का नाम सुप्रीत कुमारी है।

जानकारी के मुताबिक शिक्षिका का नियोजन 2007 में हुआ था। इसके बाद 2014 तक वो नियमित आती रही। फिर 2015 से अब तक सुप्रीति कुमारी उक्त स्कूल से अनुपस्थित रही। अब ये विभाग की जानकारी में हो रहा था या फिर बिना जानकारी के, लेकिन इतना तो तय है कि सालों तक स्कूल से गायब रहने के बावजूद हर महीने वेतन शिक्षिका का मिलना, किसी अधिकारी के मिलीभगत के संभव ही नहीं है।

सूचना के अधिकार के तहत एक RTI कार्यकर्ता ने राज कुमार झा ने खुलासा किया है कि शिक्षिका 2016 के मार्च से 2022 के मार्च तक स्कूल से गैरमौजूद रहने के बावजूद वेतन उठा रही है। इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गयी, तो विभाग ने खुद शिक्षिका की गैरमौजूदगी की बात स्वीकार की। जिसके बाद जिला पदाधिकारी ने फर्जी वेतन उठाने के मामले में 26 नवंबर 2022 को जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच कमेटी बना कर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जांच रिपोर्ट की टीम बना कर उक्त शिक्षिका को और इस विषय से संबंधित सभी अधिकारी को कमेटी के सामने 29 नवंबर 2022 को उपस्थित होने का आदेश दिया। इसमें शिक्षिका सुप्रीति कुमारी उपस्थिति नहीं हुई, इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से दोबारा एक और मौका 06 दिसंबर 2022 दिया। शिक्षिका ने दूसरे डेट पर भी अपनी उपस्थिति हाजिर नहीं की। संबंधित सभी अधिकारियों को 28 जनवरी 2023 को अपना पक्ष रखने को आदेश जारी किया गया। इसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित नहीं हुए।

जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय की ओर से अंतरिम आदेश निकालते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को एवं शिक्षिका को 26 अप्रैल 2023 को उपस्थित होने का आदेश दिया गया। इसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गौरा बौरम और प्राथमिक विद्यालय तेनुवा के प्रधानाध्यापक की ओर से अपना पक्ष रखा गया। इसमें कहा गया कि इस प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की ओर से कहा गया कि उक्त शिक्षिका की जांच की गई है। इसमें मूलतः स्कूल और साथ में कहीं भी प्रतिनियोजन में नहीं है। बिना सूचना के ही उक्त शिक्षिका 2015 से लेकर अभी तक गैरमौजूद रही है। विभाग अब इस मामले में जांच की बात कह रही है।

HPBL Desk
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