yoga Tips: थायराइड से हैं परेशान, तो करें ये योग
धनबाद शुगर की तरह थायराइड भी महामारी का रूप लेता जा रहा है. यह बीमारी महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायराइड की समस्या 10 गुना अधिक होता है। चर्चित योग प्रशिक्षक नेहा कुमारी के अनुसार थायराइड को प्राणायाम व योग के माध्यम से जड़ से आसानी से दूर किया जा सकता है।
जानिए क्या होता हैं
थायराइड गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्रंथि गले के आगे हिस्से में होता है। इसका आकार एक तितली जैसा होता है, यह शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है। जब यह असंतुलित हो जाता है तब थायराइड की बीमारी होती है। यह बीमारी दो तरह का होता है एक हाइपर थायराइड व दूसरा हाइपो थायराइड।
थायराइड के लक्षण
गले में सूजन होना, बालों को तेजी से झड़ना, हृदय गति बढ़ना, पसीना ज्यादा आना, दिल की धड़कन तेज होना इत्यादि।
थायराइड से छुटकारा पाने में ये योग लाभदायक
नियमित योग से हम थायराइड पर नियंत्रण पा सकते हैं। आइए जानते हैं कौन कौन आसन करने से इस रोग से मुक्ति मिलती है।
भस्त्रिका प्राणायाम
पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। कमर, गर्दन, एवम रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर को बिल्कुल स्थिर रखें। इसके बाद बिना शरीर को हिलाए दोनों नासिका छिद्र से आवाज करते हुए सांस भरें। फिर आवाज करते हुए सांस को बाहर निकलें।
कपालभांति
योग विशेषज्ञ के अनुसार कपालभाति करने से सही में इम्यूनिटी पड़ता है। साथ ही शरीर से अशुद्ध तत्व बाहर निकल जाते हैं। इससे थायराइड से छुटकारा मिल जाता है।
उज्जायी
इस आसन में गले से सांस अंदर भरकर ॐ का उच्चारण किया जाता है। इस आसन से थायराइड में काफी आराम मिलता है। यह नियमित रूप से 7 से 11 बार करना चाहिए।
अनुलोम विलोम
अनुलोम विलोम करने के लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। बाए हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं नासिका को बंद करें और बाई नासिका से श्वास भरें। अब बाई नासिका को बंद करें और दाई नासिका से श्वास छोड़ें। इस क्रिया को दुसरी नाक से दोहराएं। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा तक करें। इससे थायराइड में बहुत लाभ मिलेगा।
सिंहासन
इस आसन को थायराइड के लिए सबसे अच्छा माना जाता है सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। दोनो घुटनों को अलग रखें ताकि दोनो के बीच सही दूरी हो। दोनो हाथ की हथेलियों को पैरों के घुटने पर रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और गहरी सांस लें। अपनी जीभ को जितना हो सके बाहर की ओर निकालें। सांस छोड़ते समय “हा” ध्वनि बनाइए ।इसका आसान का बार बार प्रयास करें।