बड़ी खबर: कोल माइंस में बड़ी दुर्घटना, बारिश के तेज बहाव में अंडर मैनेजर सहित 5 अफसर बहे, रेस्क्यू का काम जारी

By :  HPBL
Update: 2024-07-27 16:23 GMT

Flood in Coal Mines : बारिश की वजह से कोयले की खदान में बड़ा हादसा हो गया। पानी के तेज बहाव में कोल माइंस के कई अफसर बह गये। उनमें से एक का अब तक पता नहीं चल पाया है। घटना के बाद से SECL में हड़कंप मचा है। घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की है। जहां तेज बारिश के बाद SECL की कुसमुंडा खदान के एक हिस्से में पानी का सैलाब आ गया। पानी के बहाव में SECL के दो कर्मचारियों के साथ ही ठेका कंपनी के तीन लोग एक गुमटी में बारिश से बचने के लिए छिपे थे।

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पानी के तेज बहाव में खदान के एक सिरे से पानी का सैलाब खदान के भीतर प्रवेश किया और पूरी गुमटी के साथ ही सभी लोगों को बहा कर ले जाने लगा। तेज पानी के बहाव में खदान में मौजूद एसईसीएल के अधिकारी सहित सभी 5 लोग बहने लगे। उनमें से किसी तरह 4 लोगों ने अपनी जान बचा ली, लेकिन एक अधिकारी पानी की तेज बहाव में बह गया। घटना की जानकारी के बाद रेस्कयू आपरेशन चलाकर लापता अधिकारी की तलाश की जा रही है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ तेज बारिश हो रही है। बारिश से कोल माइंस में काफी परेशानी हो रह है। प्रोडक्शन में भी इसका काफी असर दिख रहा है। इस बीच कुसमुंडा खदान में बड़ा हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि यह घटना कुसमुंडा खदान की गोदावरी फेस की है।


जानकारी के मुताबिक खदान में जल भराव की स्थिति को देखने के लिए एसईसीएल के अंडर मैनेजर जितेंद्र नागर अन्य सहकर्मियों के साथ खदान का निरीक्षण करने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि दोपहर के वक्त शुरू हुए मुसलाधार बारिश के बाद कुसमुंडा सीजीएम ने खदान में गये अधिकारियों को तत्काल खदान से बाहर आने की बात कही थी।

सीजीएम ने खदान से तत्काल मशीनों को हटाने की हिदायद देते हुए खदान के उपरी हिस्से के खेतों की तरफ से खदाने में पानी घुसने की आशंका भी जतायी थी। लेकिन मूसलाधार बारिश में फंसे अधिकारी और कर्मचारी खदान के भीतर ही बने गुमटी में बारिश से बचने के लिए छिपे हुए थे।

तभी पानी का सैलाब खदान में प्रवेश कर गया और सभी बह गये। पानी का तेज बहाव में खदान की मिट्टी धसकने के साथ ही पानी आने लगा। इसकी चपेट में आते ही पानी के तेज बहाव में एसईसीएल के अंडर मैनेजर सहित सभी पांच लोग गुमटी के साथ ही बहने लगे।

जानकारी के मुताबिक 4 लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाकर खदान के एक सिरे पर पहुंच गये। लेकिन एसईसीएल के अंडर मैनेजर जितेंद्र नागरकर इस तेज बहाव में नही बच पाये। उधर खदान में पानी के सैलाब से बचकर आए कर्मचारियों ने बाकी अधिकारियों को इसकी सूचना दी।


सूचना मिलने पर कुसमुंडा पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंची हुई है। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद बिलासपुर से एसडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया है। वहीं एसईसीएल की रेस्क्यू टीम लापता अधिकारी की तलाश में जुट गई है।

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