IAS गिरफ्तार: ED की बड़ी कार्रवाई, आईएएस को किया गिरफ्तार, घोटाले का है आरोप, जानें पूरा मामला

By :  Aditya
Update: 2024-10-17 17:37 GMT

IAS NEWS: आईएएस रानू साहू को ईडी ने गिरफ्तार किया है। आईएएस पर डीएमएफ घोटाले का आरोप है। इसकी जांच ईडी कर रही है। रानू साहू छत्तीसगढ़ कैडर की IAS अफसर है। फिलहाल रानू साहू जेल में ही कोयला घोटाले में बंद हैं।

प्रवर्तन निदेशालय की रायपुर टीम ने डीएमएफ घोटाले में निलंबित आईएएस ऑफिसर रानू साहू को गिरफ्तार किया है। तीन दिन के अंदर में ईडी ने दूसरी बड़ी गिरफ्तारी की है। इससे पहले 15 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ सरकार की महिला अधिकारी माया वॉरियर को गिरफ्तार किया था।

ईडी ने रानू साहू और अधिकारी माया वॉरियर को कथित जिला खनिज फाउंडेशन यानि डीएमएफ मामले में गिरफ्तारी की है। रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने 22 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में रानू साहू को सौंप दिया है। माया वॉरियर 15 अक्टूबर को और रानू साहू को 17 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया गया।

इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 22 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि पिछले साल से एड की ओर से डीएमएफ मामले में यह पहली गिरफ्तारी थी। सबसे पहले ईडी ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कई जगहों पर छापेमारी की थी।

जानिये कौन है आईएएस रानू साहू

पहले डीएसपी और फिर 2010 में यूपीएससी क्लियर कर कलेक्टर। यह कहानी है छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस अधिकारी रानू साहू की। इन दिनों वह जेल में बंद हैं। रानू साहू के खिलाफ ईडी ने कोयला घोटाले और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। एक साल से जेल में बंद रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।

सोमवार को कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद ही रानू साहू एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई हैं। वैसे रानी साहू का विवादों से नाता रहा है। रानू साहू 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हुआ। बचपन से ही उनकी रुचि पढ़ाई-लिखाई में थी। वह अपने स्कूल और कॉलेज की होनहार छात्रों में गिनी जाती थीं।

कहा जाता है कि उन्हें पुलिस की वर्दी बहुत पसंद थी। इसलिए उन्होंने पुलिस विभाग ज्वाइन करने का सपना देखा था। रानू साहू के पति का नाम जयप्रकाश मौर्य है। वह मंत्रालय में पदस्थ हैं। रानू साहू के बारे में कहा जाता है कि वह शुरू से ही पुलिस की वर्दी पहना चाहती थीं। इसलिए कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी। साल 2005 में रानू साहू का सिलेक्शन डीएसपी के लिए।

उन्होंने डीएसपी की नौकरी भी ज्वाइन की। उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। DSP के पोस्ट पर सिलेक्शन के बाद रानू साहू ने यूपीएससी क्लियर का सपना चुना। इसके लिए उन्होंने जमकर तैयारी की। नौकरी में रहते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की।

2010 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर की और छत्तीसगढ़ कैडर की IAS अधिकारी बनीं। रानू साहू पहली बार कांकेर जिले की कलेक्टर बनकर पहुंची। इसके बाद वह छत्तीसगढ़ के कई जिलों की कलेक्टर रहीं और मंत्रालय में कई अहम जिम्मेदारियों को संभाला।


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