Income Tax भरते वक्त करते हैं HRA क्लेम, तो इन बातों को रखें ख्याल, नहीं तो लगेगा इतना जुर्माना

CBDT ने कहा कि टैक्सपेयर्स की ओर से दायर की गई और इनकम टैक्स विभाग के पास उपलब्ध बेमेल जानकारी के कुछ उदाहरण सामने आए हैं. ऐसे मामलों में गलतियों को सुधार लें.

By :  HPBL
Update: 2024-06-21 20:02 GMT

Income Tax News : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 है. इस बीच, ज्याअदातर टैक्सॉपेयर्स को अपना फॉर्म 16 मिल चुका होगा. फॉर्म 16 में आपके इनकम की पूरी जानकारी होती है. साथ ही यह भी बताया गया होता है कि आपकी सैलरी में कौन-कौन सी रकम जुड़ी है या काटी गई है. ITR भरने के दौरान फॉर्म 16 बड़े काम आता है. HRA से लेकर अन्यक छूट के लिए भी फॉर्म 16 महत्वीपूर्ण है, क्यों कि अगर गलत जानकारी भरी जाती है तो आपको नुकसान हो सकता है.

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HRA क्लेम पर CBDT की सफाई

इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि FY21 में सैलरीड कर्मचारी की ओर से भुगतान किए गए किराए और प्राप्तकर्ता को मिले किराए के बीच बेमेल वाले मामलों की 'छोटी संख्या' को नोटिस जारी करने और फिर से खोलने का अभियान था. लेकिन ये स्पेशल ड्राइव का हिस्सा नहीं था, जैसा कि कुछ मीडिया में दिखा गया था.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा 'ये बात स्पष्ट की जाती है कि इन मामलों पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन (यानी पिछली तारीख से टैक्सेशन) और HRA क्लेम्स से जुड़े मुद्दों को फिर से खोलने के बारे में कोई भी आशंका पूरी तरह से निराधार है.'

कुछ मामलों का वेरिफिकेशन किया गया

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि जहां तक वेरिफिकेशन की बात है, तो इनकी संख्या बहुत कम थी और बड़ी संख्या में उन मामलों को दोबारा खोले बिना किया गया था. खास तौर पर जब से FY2020-21 (AY 2021-22) के लिए अपडेटेड रिटर्न केवल उन टैक्सपेयर्स की ओर से 31 मार्च, 2024 तक फाइल किया जा सकता था.इस ई-वेरिफिकेशन का मकसद केवल FY21 के लिए सूचना के बेमेल मामलों को दूसरों पर असर डाले बिना सचेत करना था.

CBDT ने कहा कि टैक्सपेयर्स की ओर से दायर की गई और इनकम टैक्स विभाग के पास उपलब्ध बेमेल जानकारी के कुछ उदाहरण डेटा वेरिफिकेशन के नियमित अभ्यास के हिस्से के रूप में विभाग के सामने आए हैं. ऐसे मामलों में विभाग ने टैक्सपेयर्स से कहा है कि वो इन गलतियों को सुधार लें.

क्या होता है HRA

HRA कर्मचारियों की सैलरी या CTC का हिस्सा होता है और इसका कैलकुलेशन टैक्सेबल इनकम के रूप में किया जाता है. अगर कोई कर्मचारी किराए के घर में रहता है, तो वो वैध रसीद देकर उस साल के दौरान मिले HRA के लिए टैक्स छूट क्लेम कर सकता है.हालांकि, अगर कोई टैक्सपेयर नए टैक्स सिस्टम का विकल्प चुनता है, जिसमें छूट नहीं है, तो टैक्स छूट उपलब्ध नहीं है. नया टैक्स सिस्टम FY25 से डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था के रूप में लागू है, जो अगला असेसमेंट ईयर है.


HRA छूट कैलकुलेशन

• नियोक्ताक से मिले एक्चुपअल हाउस रेंट अलाउंस

• सालाना किराए का भुगतान वेतन का 10 फीसदी घटाकर

• कर्मचारियों के मूल वेतन का 50% (मेट्रो शहरों में रहने वाले कर्मचारियों के लिए) या मूल वेतन का 40% (गैर-मेट्रो शहरों के लिए)

बता दें यह वह अमाउंट हैं, जो एचआरए के छूट के तहत आते हैं और इसमें से जो सबसे कम होगा, उस आधार पर HRA में टैक्सक छूट दी जाती है. ऐसे में आप इस आधार पर कैलकुलेशन करके HRA क्लेधम कर सकते हैं.


HRA के लिए कौन से दस्ताशवेजों की आवश्यकता होगी

• अगर किराया सालाना 1 लाख रुपये से अधिक है तो मकान मालिक से प्राप्त रसीद तथा मकान मालिक का पैन डिटेल देना होगा.

• रेंट एग्रीमेंट: एक औपचारिक रेंट एग्रीमेंट देना जरूरी है, जो आपके क्लेमम को वेरीफाई करता है.









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