झारखंड : भाजपा में बगावत हुई तेज, एक और पूर्व विधायक ने दिखाये तेवर, प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर कह दी ये बड़ी बात, झामुमो से कर दी तुलना..

By :  Aditya
Update: 2024-10-20 16:49 GMT

Jharkhand Vidhansabha: प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होते ही भाजपा के अंदर बागी तेवर दिखने लगे हैं। महिला पूर्व विधायक के बाद अब पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय पार्टी से नाराजगी जतायी है।


मंगल सोय ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि पार्टी के लिए मेरे समर्पण को ध्यान में रखकर मेरी वफादारी का मुझे इनाम मिलेगा. परंतु वर्षों की मेरी वफादारी का इनाम मुझे यह मिला कि मेरे अनुरोध को दरकिनार करते हुए किसी अन्य व्यक्ति को टिकट दे दिया गया।

पार्टी के इस निर्णय से मुझे गहरा आघात लगा है। उन्होंने पत्र में कहा कि अगर हम झामुमो पर यह आरोप लगाते हैं कि उन्होने एक निष्ठावान नेता को सम्मान नहीं दिया जो फिर हमें अपना चेहरा भी आईने में देखने की जरूरत है. पार्टी के इस निर्णय से मुझे गहरा आघात लगा है।


उन्होंने इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि वो चुनाव के मद्देनजर किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेंगे। पूर्व विधायक ने कहा है कि पिछले 20 सालो से बीजेपी के एक सक्रिय सदस्य एवं समर्पित कार्यकर्ता हैं।

उन्होंने अपने पत्र में कहा कि साल 2009 में खरसावां विधानसभा क्षेत्र से 25 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था।उन्होंने लिखा है कि 2010 में पार्टी के निर्देश पर राज्य हित में राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की पहल करते हुए विस की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए सीट खाली की, ताकि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का खरसावां विस क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त हो सके।

विपरीत परिस्थितियों में हम सबके सहयोग एवं समर्पण से अर्जुन मुंडा ने जीत हासिल की और न केवल विधायक बने बल्कि मुख्यमंत्री बनकर झारखंड राज्य का नेतृत्व किया।

पिछले चुनाव 2019 में भी मुझे टिकट नहीं दिया गया, लेकिन पार्टी के निर्देशानुसार चाईबासा निवासी पार्टी प्रत्याशी जवाहरलाल बानरा को टिकट दिया गया और हमने उनका तहे दिल से समर्थन किया. परंतु वे चुनाव हार गए।


मंगल सोय ने कहा कि पूर्व में अपने अनुभव और जनता के लिए किए गए कार्य को ध्यान में रखकर मैंने पुन एक बार 2024 के विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर देने का आग्रह करते हुए जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड के चुनाव प्रभारी सहित राज्य एवं केन्द्र के सभी पदाधिकारियों से अनुरोध किया, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना गया।


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