IAS की नौकरी गयी : UPSC ने कंडीडेट का सेलेक्शन किया रद्द, अब कभी नहीं दे पायेंगी यूपीएससी की परीक्षा

पूजा खेड़कर ने उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम दिया। पूजा को एग्जाम में 2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे 2023 बैच की ट्रेनी IAS थी।

By :  HPBL
Update: 2024-07-31 15:19 GMT

IAS Puja Khedkar : …आखिरकार वही हुआ, जिसकी आशंका कुछ दिन पहले ही लग गयी थी। पूजा खेडकर अब अफसर नहीं रहेंगी। UPSC ने बुधवार 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब यूपीएससी ने इस तरह के किसी सेलेक्ट कंडीडेट का सेलेक्शन रद्द किया है। आरोप है कि पूजा ने उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम दिया।

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UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया।पूजा को एग्जाम में 2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे 2023 बैच की ट्रेनी IAS हैं। जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं। UPSC ने बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था।


इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की।


इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।





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