तौकीर रजा का विवादित बयान : हिंदुओं को बताया फिरकापरस्त आतंकवादी, बोले- 'हिंदू राष्ट्र नहीं बनने देंगे'

Update: 2024-10-08 13:57 GMT


लखनऊ। तौकीर रजा ने एक बार फिर जहर उगला है। उन्होंने हिंदुओं को आतंकवादी बताया और प्रधानमंत्री को सनातन धर्म का प्रधानमंत्री बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसी भी हालत में भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होने देंगे। रजा ने यह भी कहा कि अगर कुछ लोगों द्वारा अपनाई गई नीति को युवा भी अपनाएंगे तो देश के लिए बहुत बुरे परिणाम होंगे।

बता दें कि, बरेली में आईएमसी के स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने ऐलान किया कि वे जल्द ही दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन की तारीख घोषित करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की चिंताओं को नहीं समझा जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई अधिकारी उनकी ओर ध्यान नहीं देता तो ज्ञापन देने का क्या मतलब है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, एक दिन के लिए दिल्ली को जाम किया जाएगा, उसके बाद उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

मुस्लिम युवाओं को भड़काने का कर रही काम

उन्होंने कहा कि, दिल्ली में उनका विरोध प्रदर्शन राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ अपने देश और संविधान की रक्षा के लिए होगा। मौलाना तौकीर रजा ने टिप्पणी की कि कुछ ताकतें मुस्लिम युवाओं को भड़काने का काम कर रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ व्यक्तियों की भड़काऊ हरकतें केवल मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए हैं। इसके अलावा, मौलाना तौकीर रजा ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या वह केवल सनातनी समुदाय के प्रधानमंत्री हैं।

ताकिर रजा बोले - वह सनातन धर्म के हैं प्रधानमंत्री

ताकिर रजा ने कहा कि, क्या वह गैर-हिंदू लोगों के प्रधानमंत्री नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि, मोदी ने साबित कर दिया है कि वह सनातन धर्म के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से राज धर्म का पालन करने का आग्रह किया। पूर्व प्रधानमंत्रियों लाल बहादुर शास्त्री, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमान उन्हें अपना प्रधानमंत्री मानते हैं।

पीएम मोदी की ईमानदारी पर उठाया सवाल

आईएमसी के अध्यक्ष ने कहा कि, नवी के खिलाफ टिप्पणी करने वालों को बचाया जा रहा है। देश में राजनीतिक स्थिति की आलोचना करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश अपने फैसले इस आधार पर देते हैं कि व्यक्ति हिंदू है या मुस्लिम। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि, देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ के अस्तित्व के बावजूद, उस कानून के अनुसार न्याय नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि मस्जिदों से संबंधित सभी लंबित मामलों को तुरंत खारिज किया जाना चाहिए।

Tags:    

Similar News