जमीन मामलों पर रांची डीसी की शानदार पहल, म्यूटेशन का काम हुआ आसान, दलालों पर कसा शिकंजा…
रांची। जमीन मामलों में दलाली की भ्रष्टाचार की शिकायत पर डीसी की पहल की हर तरफ तारीफ हो रही है। दरअसल रांची जिला के अंचल कार्यालयों में 10 डिसमिल जमीन तक के लंबित म्यूटेशन के मामलों के निष्पादन के लिए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की पहल पर शिविर लगाया जा रहा है। ये पहला मौका है, जब 10 अंचलों में शिविर लगाकर आवेदकों को करेक्शन स्लिप दिया गया।
यही नहीं रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने खुद बड़गाईं अंचल में आवेदकों को शुद्धि पत्र प्रदान किया। रांची उपायुक्त ने कहा कि अंचल कार्यालयों में राजस्व से संबंधित कार्यों में आम लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि जिला के शेष अंचलों में दूसरे चरण में कैंप लगाकर लंबित म्यूटेशन के मामलों का निष्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर अंचल कार्यालय में बिचौलिये दिखे तो फौरन स्थानीय थाना या पीसीआर को सूचित करें। उन्होंने आम लोगों से जिला प्रशासन द्वारा जन शिकायत के लिए जारी किए गए व्हाट्सएप नंबर ‘अबुआ साथी 9430328080’ पर भी जानकारी देने की अपील की है।
आपको बता दें कि डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि आम लोगों से प्राप्त हो रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए पहले चरण में 10 डिसिमल तक के म्यूटेशन के लंबित मामलों के निष्पादन के लिए कार्य योजना तैयार की गई। सभी अंचल अधिकारियों के साथ लगातार बैठकों के बाद 10 डिसिमल तक के बिना आपत्ति 30 दिन और आपत्ति के साथ 90 दिन के लंबित म्यूटेशन के मामलों की सूची तैयार की गई।
सभी अंचलों को 14.01.2025 तक के लंबित 10 डिसिमल के ऐसे मामलों की सीआई और कर्मचारी स्तर से निर्धारित तिथि को वेरिफिकेशन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद कैंप मोड में सभी वेरीफाई मामलों को स्वीकृत करते हुए आवेदकों को शुद्धि पत्र प्रदान किया गया. डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि सभी अंचल अधिकारियों को बिना ठोस कारण के दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत नहीं करने का निर्देश पूर्व में ही दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सभी अंचल में वरीय पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो कैंप में अस्वीकृत मामलों की समीक्षा करेंगे कि रिजेक्शन का कारण सही है या नहीं. कैंप में जिन आवेदकों के आवेदन अस्वीकृत हुए हैं।
उनके लिए रिजेक्शन काउंसलिंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि आवेदक जान सकें कि किस कारण से उनके आवेदन को अस्वीकृत किया गया। अनगड़ा, अरगोड़ा, बेड़ो, बुंडू, बुढ़मू, चान्हो, हेहल, इटकी और नगड़ी में वरीय पदाधिकारियों ने आवेदकों को करेक्शन स्लिप दिया।