जज भी हो गई हैं हैरान : कोर्ट में जिंदा निकली मृतक महिला...जाने क्या है पूरा मामला?

Update: 2024-07-10 04:28 GMT

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. खबर है कि जिस महिला को पुलिस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में मृत बता दिया था. वह कोर्ट में जिंदा खड़ी थी. इसके बाद मामले में सुनवाई कर रहीं जज साहिबा ने पुलिस अधिकारियों को खूब फटकार लगाई और कड़ी कार्रवाई का निर्देश दे दिया. कोर्ट में सुरक्षा याचिका पर सुनवाई के दौरान यह स्थिति बनी थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस कीर्ति सिंह ने कहा इस कोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल झूठी रिपोर्ट को देखते हुए मेवात के नूह के पुलिस अधीक्षक को एक उचित हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए जाते हैं, जिसमें वह इस स्थिति को समझाएं और जांच करें.साथ ही इस दोषी अधिकारी के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई करें. साथ ही चार हफ्तों के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया गया है.

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क्या है पूरा मामला?

नाबालिग लड़की ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि उसके घरवाले उसकी शादी उसकी मर्जी के खिलाफ करवाना चाहते हैं. इसके लिए लड़की ने इसका विरोध किया तो घरवालों ने उसे बुरी तरह से उसकी पिटाई कर दी. यहां तक की घर से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी. इसी के चलते पढ़ाई भी रूक गई. अपने साथ हो रहे इस बर्ताव से तंग आकर लड़की अपने रिश्तेदार अनीष व उसकी पत्नी अरस्तून के साथ रहने लगी लेकिन परिवारवालों ने इसका विरोध कर पुलिस से इसकी शिकायत दर्ज करा दी. जहां पुलिस ने अपने जांच में पाया कि जिस अनीष के यहां लड़की रह रही है उसकी पत्नी की मौत हो गई है.

कोर्ट में जिंदा निकली मृतक महिला

अब दोबारा मामला सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचा तो याची ने बताया कि अब वह बालिग हो चुकी है. वह अपने परिजनों के साथ नहीं बल्कि करीबी रिश्तेदार अनीष व उसकी पत्नी अरस्तून के साथ ही रहना चाहती है. इस दौरान जब हाईकोर्ट ने पुरानी फाइल खोली तो देखा अनीष की पत्नी अरस्तून की मौत प्रसव के दौरान दो साल पहले ही हो गई थी. तभी हाईकोर्ट में अरस्तून आ गई और उसने जज के सामने कहा कि वह जिंदा है. इसके लिए उसने कुछ साक्ष्य भी कोर्ट के सामने पेश किए. उसके बाद हाईकोर्ट ने मेवात के एसपी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की फिर से पूरी जांच हो और पता लगाया जाए कि किस परिस्थितियों में इस रिपोर्ट को तैयार किया गया था. याची ने बताया कि अभी भी उसकी जान को खतरा है. फिलहाल नाबालिग को हाईकोर्ट ने नारी निकेतन भेज दिया है.

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