Amarnath Yatra : आज से बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु...अमरनाथ यात्रा शुरू

Update: 2024-06-29 04:16 GMT

रांची/ शनिवार (29 जून) से पवित्र अमरनाथ धाम की यात्रा शुरू हो गई है. इसके साथ ही श्रद्धालु बर्फानी बाबा का आज से दर्शन कर पाएंगे. अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कड़ी सुरक्षा के बीच बालटाल और पहलगाम कैंप से श्रद्धालुओं का पहला जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंच चुका है अब श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था भी दर्शन के लिए रवाना हो गया है. जानकारी के अनुसार, बाबा भोलेनाथ के शिवलंग के दर्शन के लिए आज करीब 4,603 श्रद्धालु चढ़ाई करेंगे. श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था जम्मू से रवाना हो गया है. जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से 200 वाहनों में सवार होकर करीब 1881 शिवभक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुए हैं.

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52 दिनों तक चलेगी यात्रा

आपको बता दें, पवित्र अमरनाथ यात्रा शनिवार यानी कि आज (29 जून) अनंतनाग में पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग 48 किलोमीटर लंबे और गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से शुरू हो गई है यह यात्रा 52 दिनों तक चलेगी जो 19 अगस्त 2024 को खत्म हो जाएगी. आपको बता दें, इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए करीब 3.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है.

जानकारी के लिए आपको बता दें, बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए 26 जून 2024 से ही तत्काल पंजीकरण की सुविधा शुरू हो चुकी है. यह यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर श्रावण पूर्णिमा तक चलती है. इस बीच लाखों श्रद्धालुओं देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर बाबा के दरबार पहुंचते है और बाबा के दर्शन द्वारा वे उनके चमत्कार के साक्षी बनते हैं. बाबा भोलेनाथ के भक्तों को अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होगी.

जानें क्यों खास है अमरनाथ धाम

आपको बता दें, अमरनाथ धाम भगवान भोलेनाथ के कई प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. इस धाम में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दुर्लभ और प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन कर पाते हैं. जम्मू कश्मीर में स्थित अमरनाथ की इस पवित्र गुफा में बर्फ के शिवलिंग रूप में भोले भंडारी कब से विराज रहे हैं और कब से श्रद्धालु उनके दर्शनों के लिए वहां पहुंच रहे हैं, इसका कोई लिखित इतिहास नहीं है. मगर माना ऐसा जाता है कि यह गुफा स्मृतियों से किसी कारणों से लुप्त हुई थी लेकिन करीब करीब डेढ़ सौ साल पहले इस गुफा को फिर से खोज कर निकाला गया.

भोले भंडारी के इस पवित्र तीर्थ स्थल पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है इस यात्रा के दौरान यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्राइन बोर्ड की तरफ से कई तैयारियां की जाती है. उनकी सेवा की जाती है उनके लिए जगह-जगह पर लंगर का आयोजन किया जाता है श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए किसी तरह की कोई परेशानियों का सामना न करना पड़े इसके लिए अलग-अलग पड़ाव पर उनके लिए रहने का पूरी व्यवस्था की जाती है. हालांकि फिर भी चुनौतियां खत्म नहीं होती हैं.

अमरनाथ गुफा में ऐसे प्रकट होते हैं बाबा बर्फानी

जम्मू कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा भोलेनाथ की बर्फ की एक छोटी शिवलिंग सी आकृति प्रकट होती है, जो 15 दिनों तक रोजाना लगातार थोड़ी-थोड़ी बढ़ती है. वहीं 15 दिनों में बर्फ के इस शिवलिंग की ऊंचाई 2 गज से अधिक हो जाती है. इसके बाद चांद (चंद्रमा) के घटने के साथ ही बर्फ की शिवलिंग का आकार भी धीरे-धीरे घटने लगता है और चांद के लुप्त होते ही शिवलिंग भी अंतर्ध्यान हो जाता है.

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