'हर किसी को मिलेंगे 90 लाख, चुनाव लड़ो पैसे की चिंता नहीं', आबकारी नीति केस में CBI ने केजरीवाल के खिलाफ क्या-क्या दी दलील?

Update: 2024-07-30 09:09 GMT

दिल्ली आबकारी नीति मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 'सूत्रधार' बताया है. सीबीआई ने आज दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि विजय नायर ने ही आबकारी नीति कंप्यूटर में डलवाई थी और उस समय केजरीवाल भी वहीं मौजूद थे. सीबीआई का तर्क है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं कि रिश्वत में लिए गए पैसों का इस्तेमाल गोवा के चुनाव में किया गया था. केजरीवाल के खिलाफ तर्क देते हुए सीबीआई ने कहा कि उन्होंने अपने कैंडिडेट्स को कहा था कि चुनाव लड़ो, पैसों की चिंता मत करो. इतना ही नहीं, गोवा के चुनाव में हर कैंडिडेट को 90 लाख रुपये दिए जाने का दावा भी सीबीआई ने किया है. मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल कई महीनों से जेल में हैं. आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को पहले ईडी ने फिर सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. ईडी वाली केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. सीबीआई केस अभी हाई कोर्ट में है. आज उनकी जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई के वकील ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दायर हो गई है तो जमानत के लिए उन्हें निचली अदालत में जाना चाहिए. वहीं, केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया.

'सूत्रधार हैं केजरीवाल'

सीबीआई के वकील ने कहा, 'आजकल करेंसी नोट एक बार सर्कुलेट हो जाने के बाद उन्हें ट्रेस कर पाना मुश्किल हो जाता है लेकिन इस केस में हमने वह भी किया. ये पैसे गोवा गए. हमारे पास सबूत हैं कि हर उम्मीदवार को 90 लाख रुपये दिए गए. केजरीवाल ने खुद कहा था कि पैसों की चिंता मत करो, चुनाव लड़ो. बिना उनकी गिरफ्तारी के यह जांच पूरी नहीं होती. एक महीने में ही हमने चार्जशीट फाइल कर दी है. इसका मतलब है कि हमारी जांच अडवांस स्टेज पर थी. हम सबूत दिखाएंगे कि ये सब सिर्फ आरोप नहीं हैं. आबकारी घोटाले में केजरीवाल ही 'सूत्रधार' हैं.'

केजरीवाल को सूत्रधार बताए जाने पर उनके वकील सिंघवी ने कहा, 'सूत्रधार शब्द का इस्तेमाल हो रहा है, सीबीआई पोएटिक है. पहली बार आबकारी नीति बनाने का काम 4 सितंबर 2020 को शुरू हुआ. एक साल तक एक्सपर्ट कमेटी की 9 मीटिंग हुईं. इसमें चार विभाग शामिल हुए. एक साल बाद जुलाई 2021 में पहली बार आबकारी नीति प्रकाशित हुई. इसमें कम से कम 50 अधिकारी शामिल थे. खुद एलजी ने इस पर दस्तखत किए. केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, उनके पास से कोई रिकवरी नहीं हुई है.'

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