लद्दाख को मिल सकता है पूर्ण राज्य का दर्जा : मोदी सरकार मामले में जल्द ले सकती है फैसला, छठी अनुसूची की मांग हो सकती है पूरी

Update: 2024-08-02 08:55 GMT

लेह। भारत के उत्तरी छोर पर बसे भूभाग लद्दाख को जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है। केंद्र की मोदी सरकार लद्दाख को जल्द ही आने वाले दिनों में छठी अनुसूची में शामिल कर सकती है। इसके अलावा अन्य मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र की एनडीए सरकार गंभीर दिखाई पड़ रही है। गृह मंत्रालय जल्द ही लद्दाख के लोगों को सशक्त बनाने पर फैसला ले सकता है। केंद्र सरकार से आश्वासन मिलने के बाद लद्दाख भाजपा उत्साहित है।

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बता दें कि, दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ के साथ हुई बैठकों में लद्दाख भाजपा अध्यक्ष फुंचुक स्टेंजिन ने आश्वासन दिया कि कारगिल हवाई अड्डे के निर्माण में तेजी लाने और नुब्रा हवाई अड्डे पर नागरिक विमानों को उतरने की अनुमति देने के प्रयास किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने लद्दाख में दो नए जिले बनाने, सेना में युवाओं की भर्ती के लिए लद्दाख स्काउट्स की एक और बटालियन स्थापित करने का फैसला किया है और बोटी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने पर विचार कर रही है।

कारगिल में स्वायत्त पर्वतीय परिषदों को मजबूत करके इस क्षेत्र के निवासियों की नौकरियों और भूमि अधिकारों की रक्षा की जा सकती है। इस बैठक में लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद के साथ लद्दाख भाजपा अध्यक्ष और लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ताशी ग्यालसन भी मौजूद थे। वहीं लद्दाख भाजपा नेताओं ने लेह लौटने से पहले बीते बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव और लद्दाख भाजपा के प्रभारी तरुण चुग के साथ बैठक की। लद्दाख भाजपा अध्यक्ष फुंचुक स्टैनजिन ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में गृह मंत्री और भाजपा नेतृत्व को लद्दाख के लोगों की अपेक्षाओं के बारे में जानकारी दी है। क्षेत्र के निवासियों के हितों की रक्षा के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।

इन प्रमुख मांगों के लिए लद्दाख के लोग सड़कों पर उतरे

* पहली मांग: पूर्वोत्तर राज्यों की तरह लद्दाख को भी संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाना

* दूसरी मांग: लद्दाख को पूर्ण राज्य व आदिवासी दर्जा मिलना चाहिए

* तीसरी मांग: लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग संसदीय सीट हो

* चौथी मांग: पब्लिक सर्विस कमीशन को लद्दाख में कायम रखा जाए

* पांचवीं मांग: स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण

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