LIC का अजब गजब कारनामा: चेक से किस्त की राशि देने के वावजूद पॉलिसी कर दिया डेड, कहीं आपकी पॉलिसी भी .....
LIC NEWS। यदि आप अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में जमा करना चाहते है तो जरा संभल कर क्योंकि क्या पता की आपके किस्त जमा करने के वावजूद आपकी पॉलिसी डेड और लेप्स हो जाय और आपको भनक तक न लगे। जी हां... ये खबर 100 फीसदी सही है।
मामला झारखंड के LIC हजारीबाग डिविजन के अंतर्गत धनबाद के गोविंदपुर ब्रांच का है। जब किस्त की राशि चेक के माध्यम से LIC में 25.8.2023 को समय से जमा करने के वावजूद पॉलिसी बंद करवा दी गई। मामला तब प्रकाश में आया जब पॉलिसी होल्डर 2024 की किस्त जमा करने LIC ऑफिस गया।
क्या है मामला
LIC की गोविंदपुर शाखा से पीड़िता ने एक पॉलिसी 2020 में ली थी। जिसकी पॉलिसी संख्या 849367164 थी। पॉलिसी होल्डर समय से सालाना किस्त चेक के माध्यम से जमा करता रहा। वर्ष 2023 की किस्त केनरा बैंक की चेक संख्या 136883 शाखा गोविंदपुर के माध्यम से कुल 69602 रुपए 25.08.2023 के माध्यम से किस्त LIC शाखा में जमा किया गया। जिसकी पावती भी पीड़ित की उपलब्ध करा दी गई।
पुनः वर्ष 2024 की किस्त की राशि चेक के माध्यम से 9 सितंबर 2024 को जमा करने पीड़िता LIC कार्यालय भेजी, तो बताया गया की पिछले साल की किस्त जमा नहीं हुई है,इसलिए आपकी पॉलिसी को revival (पुनर्जीवित) करनी होगी।
ये सुनते ही पीड़िता हैरान हो गई और छानबीन करने पर पता चला की चेक से किस्त की राशि LIC ने भुगतान ही नहीं कराया है। जिस वजह से पॉलिसी डेड हो गई है। अब उसे चालू कराने के लिए रिवाइवल सर्टिफिकेट और जरूरी कागजात के साथ दोनों वर्ष के किस्त की राशि जमा करनी होगी तभी ये पॉलिसी फिर से अस्तित्व में आएगी।
क्या होता है रिवाइवल
एलआईसी या किसी भी कंपनी से बीमा कराने पर कोई किस्त की राशि जमा नहीं करने पर पॉलिसी डेड हो जाती है। उसे पुनः चालू कराने के लिए रिवाइवल ( पुनर्जीवित) एक प्रक्रिया है जिसके तहत अतिरिक्त शुल्क देकर पुनः पॉलिसी को अस्तित्व में लाया जाता है।
किस्त जमा नहीं होने से क्या होता हैं घाटा
अगर आपने बीमा पॉलिसी की राशि बीच में बंद हो जाती है या जमा नहीं होती है तो इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि आपको मिलने वाला बीमा कवर खत्म हो जाता है. यानी किसी अनहोनी की स्थिति में मृत्यु होने पर आपको बीमा का फायदा नहीं मिलेगा। यही मामला इस मामले पर भी पीड़ित के साथ हो सकता था।
पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम और न्यायालय जाने की कही बात
पीड़िता ने बताया कि बहुत मुश्किल से एलआईसी के माध्यम से अपना बीमा कवर कराया था। परंतु एलआईसी की गलती से मेरी बीमा बंद हुई है। यदि मुझे कुछ हो जाता तो मेरे आश्रित को कुछ भी नही मिल पाता क्योंकि एलआईसी ने मेरी बीमा कवर ही लेप्स करा दी है। अब मैं इस मामला को न्यायालय में ले जाऊंगी।
पीड़िता ने ये भी कहा की मामला उजागर होने के बाद अब एलआईसी रिवाइवल करने की बात कह रहा है, यदि मुझे समय ये जानकारी दी गई होती तो दूसरे विकल्प को अपना कर बीमा की अस्तित्व में रखा जाता। परंतु अब इस मामले को कोर्ट तक ले जाऊंगी।
मामला ये नही की औरतिरिक्त शुल्क देकर पॉलिसी को जिंदा कर दिया जाएगा। बल्कि मामला ये है की यदि दुर्घटनावश मुझे कुछ हो जाता तो पॉलिसी का कुछ भी लाभ नहीं मिल पाता। मालूम हो की बीमा कवर भविष्य की आकस्मिक घटना/ दुर्घटना की ध्यान में रखकर किया जाता है। साथ ही ये मेरे मान सम्मान से भी जुड़ा है।