सुप्रीम कोर्ट की पहल पर 12 हजार छात्रों को राहत...अब नाममात्र फीस में होगा पंजीकरण

Update: 2024-09-04 09:31 GMT

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में LLB की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रैक्टिस शुरू करने वाले वकीलों को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद स्टेट बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नामांकन फॉर्म की फीस ₹17,500 से घटाकर ₹750 कर दी है। इस फैसले से राज्य में कानूनी शिक्षा प्राप्त कर रहे और वकील बनने की इच्छा रखने वाले करीब 12,000 छात्रों को फायदा होगा।

बता दें कि, छत्तीसगढ़ राज्य बार काउंसिल ने सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अधिवक्ताओं के लिए 750 रुपए पंजीयन फीस निर्धारित किया है, जबकि एसटी-एससी अभ्यर्थियों के लिए 125 रुपए फीस निर्धारित किया गया है। नए अधिवक्ताओं के पंजीयन की सुविधा के लिए विशेष पहल शुरू की गई है। पहले सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 17,500 रुपए और एसटी-एससी वर्ग के लिए 16,000 रुपए शुल्क निर्धारित था।

"
"

सुप्रीम कोर्ट ने गौरव कुमार द्वारा दायर याचिका के जवाब में अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 24 के तहत नामांकन फीस के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी आदेश को रद्द कर दिया है। याचिका में केंद्र सरकार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पक्षकार बनाया गया था। यह राहत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुनवाई के बाद मिली है। फीस में कटौती के बाद राज्य के 12,000 विधि छात्रों से पहले ली जाने वाली राशि, जो 21 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी, अब राज्य बार काउंसिल के खाते में केवल 90 लाख रुपये ही जमा होंगे। इस निर्णय से छात्रों को कुल 20 करोड़ 10 लाख रुपये की बचत होगी।

पंजीकरण फीस पर राज्य बार काउंसिल के सचिव अमित कुमार वर्मा ने की घोषणा

छत्तीसगढ़ राज्य बार काउंसिल के सचिव अमित कुमार वर्मा ने घोषणा की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में 1 सितंबर 2024 से नए अधिवक्ताओं के लिए पंजीकरण फीस कम कर दिया गया है।

Tags:    

Similar News