पूर्व मंत्री का निधन : संघर्ष से बनी थी जिसकी पहचान , मौत की खबर सुन फैली शोक की लहर

By :  HPBL
Update: 2024-07-29 10:59 GMT

धनबाद। झारखंड सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री सह जनता मजदूर संघ के महामंत्री बच्चा सिंह निधन हो गया है. वह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे. उनकी अस्वस्थता के कारण ही उन्हें बिनोद चौक स्थित एसजेएएस (SJAS) सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर अस्पातल में उन्होंने अंतिम सांस ली.

कौन थे बच्चा सिंह

बच्चा सिंह कोयलांचल के मसीहा कहे जाने वाले सूर्यदेव सिंह के बड़े भाई थे. विक्रमा सिंह, सूर्यदेव सिंह, बच्चा सिंह, राजन सिंह और रामाधीर सिंह, इन पांचों भाइयों में बच्चा सिंह तीसरे स्थान पर थे. पूरे कोयलांचल में कभी सिंह मेंशन का दबदबा हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे सिंह मेंशन का कुनबा बिखरता गया. सूर्यदेव सिंह की मौत के बाद ही पूरा परिवार मानो तितर-बितर हो गया. सूर्यदेव सिंह 1977 से चार बार झरिया से विधायक रहे. सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती सिंह दो बार विधायक रहीं. सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह विधायक रहे. झरिया सीट से ही बच्चा सिंह भी विधायक रहे.

संघर्ष से बनी अलग पहचान

झरिया के पूर्व विधायक बच्चा सिंह के निधन से पूरे कोयलांचल में शोक की लहर है. अपने मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट) के माध्यम वह मजदूरों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ते रहे. मजदूरों हित में उनके कार्यों के लिए एक अपनी पहचान है. बिहार से अलग होकर जब झारखंड राज्य बना तो वह मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की सरकार में वे नगर विकास मंत्री बने थे. उस वक्त वे झरिया से विधायक थे.

बच्चा सिंह के बड़े भाई सूर्य देव सिंह भी झारिया विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने इस विधानसभा का लगातार चार बार प्रतिनिधित्व किया. 1977 में वे पहली बार विधायक बने. इसके बाद 1990 तक वे विधायक रहे. एक बार वह आरा लोकसभा से भी किस्मत आजमा चुके हैं. लेकिन परिणाम आने से पहले ही वह लोकसभा का चुनाव हार गये. इसके बाद बच्चा सिंह ने उसी सीट से साल 1991 में उप-चुनाव लड़ा लेकिन उस समय वह चुनाव हार गये. अभी इस सीट पर कांग्रेस की पूर्णिमा नीरज सिंह विधायक हैं. बता दें कि इस सीट पर अधिकतर समय सिंह मेंशन परिवार का ही कब्जा रहा है.

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