झारखंड-प्रज्ञा केंद्रों को नहीं मिल रहा कमीशन, नेता प्रतिपक्ष बोले, मईया सम्मान को लेकर हेमंत सरकार का रवैया बेहद संदेहास्पद

By :  Aditya
Update: 2024-10-12 14:14 GMT

रांची। मंईयां सम्मान योजना और गोगो दीदी योजना को लेकर झारखंड की राजनीति गरम है। आरोप प्रत्यारोप के दौर के बीच नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाऊरी ने झारखंड सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। अमर बाउरी ने मंईयां सम्मान योजना को धरातल पर उतारने वाले प्रज्ञा केंद्र संचालकों को उनका कमीशन नहीं दिये जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने झारखंड सरकार का इस दिशा में ध्यान आकृष्ट करते हुए मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने को कहा है।

अमर बाउरी ने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट कर लिखा है कि मईया सम्मान को लेकर हेमंत सोरेन की सरकार का रवैया बेहद संदेहास्पद है ! एक तो योजना की शुरुआत चुनाव से पूर्व आखिरी महीने में की गयी और दूसरी बात यह संज्ञान में आयी है कि योजना को धरातल पर उतारने वाले 25,000 प्रज्ञा केंद्र संचालकों को अभी तक उनका कमिशन सरकार ने नही दिया है। मैं माननीय मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि सभी 25,000 प्रज्ञा केंद्र संचालकों के कमीशन की राशि अविलंब निर्गत करें।

प्रज्ञा केंद्र को सरकार देती है कमीशन

दरअसल झारखंड में शासन की कई योजनाएं प्रज्ञा केंद्र के जरिये संचालित होती है। प्रज्ञा केंद्रों को सरकार की तरफ से कमीशन दिया जाता है। पिछले कई सालों से झारखंड में प्रज्ञा केंद्र सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का जरिया है। प्रज्ञा केंद्रों के जरिए 10वीं व 12वीं पास युवक-युवती को रोजगार दिया जा रहा है। प्रज्ञा केंद्रों में रोजगार देने वालों को डिजिटल कैडेट के नाम से जाना जाता है।

जाएगा। उनका काम घर-घर जाकर प्रज्ञा केन्द्रों व सरकार की योजना की जानकारी देना है।प्रज्ञा केंद्रों में क्या क्या काम होता है, सरकार की योजनाएं, प्रज्ञा केंद्रों में कैसे काम होता है आदि की जानकारी दी जाएगी। डिजिटल कैडेट को उनके योग्यता के अनुसार काम दिया जाएगा। इस काम के लिए उन्हें पहले कमीशन बेस पर संचालित किया जाता है।

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