VIDEO- "संवेदनशील होने से पेट नहीं भरता CM साहब" मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को महिला सहायक आरक्षक ने जमकर सुनायी खरी खोटी..कहा, पुलिस हटाईये, फिर हम...
Sahayak Police Protest : झारखंड में सहायक आरक्षक आंदोलन पर डटे हुए हैं। मानदेय में बढ़ोत्तरी व नियमितिकरण सहित कई मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से राजधानी में उनका आंदोलन चल रहा है। सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है, लिहाजा सहायक आरक्षकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार को एक बार फिर से सहायक आरक्षकों का उग्र तेवर देखने को मिला। 12 जिलों के 2300 सहायक पुलिसकर्मी झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग को लेकर राजभवन घेराव की कोशिश की। हालांकि रैपिड एक्शन पुलिस एवं जिला बल को तैनात कर मोरहाबादी टीओपी के समीप बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमें सात वर्षों से दस हजार रुपये में खटाया जा रहा है. हमें तो सरकार द्वारा तय मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। सरकार द्वारा तय मजदूरी अकुशल श्रमिकों को 12293, अर्द्धकुशल को 12784, कुशल श्रमिक को 16835 तथा उच्च कौशल प्राप्त श्रमिकों को 19467 रुपये मिलता है. देखा जाये, तो हमलोग अकुशल श्रमिकों से भी बदतर हैं। हम सभी लोग उच्च कौशल प्राप्त हैं. यदि सरकार द्वारा तय मजदूरी भी हमें दी जाये, तो हमलोग उच्च कौशल प्राप्त श्रमिकों को मिलने वाले 19467 रुपये के हकदार हैं। सहायक पुलिसकर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना अब भी जारी है।