IAS कृतिका मिश्रा बनेगी मुख्यमंत्री की बहू, शिक्षक की इस बिटिया दूसरे प्रयास में UPSC किया था क्रैक, जानिये उनकी सक्सेस स्टोरी

By :  Aditya
Update: 2024-08-14 18:09 GMT

IAS Kritika Mishra : बिहार की IAS अब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की बहू बनने जा रही हैं। बिहार कैडर की IAS कृतिका मिश्रा मूलतः कानपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में हिंदी मीडियम से टॉप रैंक हासिल की थी। जिसके बाद उन्हें बिहार कैडर मिला था।


मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली कृतिका मिश्रा को यूपीएससी 2022 परीक्षा में सफलता के बाद बिहार कैडर मिला था। वह आईएएस अधिकारी हैं। वह हैं। उनके पिता दिवाकर मिश्रा एक इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं और मां भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में काम करती हैं।

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कृतिका ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई आर्ट्स स्ट्रीम से की है। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई भी आर्ट्स में ही की है। यूपीएससी में जाने के बाद भी वह कानपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं। उन्होंने मसूरी स्थित LBSNAA से ट्रेनिंग ली है। कृतिका ने यूपीएससी की परीक्षा में हिंदी माध्यम से टॉप किया था। उन्हें 66वीं रैंक मिली थी।

उनका यह दूसरा प्रयास था। पहली बार में उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन इंटरव्यू में सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में उन्होंने लिखित परीक्षा में 824 अंक और इंटरव्यू में 182 अंक हासिल किए। इस तरह कुल 1006 अंक के साथ उन्होंने सफलता प्राप्त की।


वर्तमान में बिहार में आईएएस अधिकारी के रूप में तैनात कृतिका अब जयपुर में बहू बनेंगी। कानपुर की इस बिटिया का डंका पटना से लेकर जयपुर तक बज रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सम्मानित किया था।

आशीष उर्फ अभिषेक शर्मा भजनलाल शर्मा के बड़े बेटे हैं। वह पुणे के कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई कर रहे हैं और जल्द ही अपना बिजनेस शुरू करने वाले हैं। जानकारी के अनुसार पहले वह राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की तैयारी भी कर रहे थे। भजनलाल शर्मा के छोटे बेटे कुणाल शर्मा डॉक्टर हैं।



7 नवंबर 1997 को उत्त)र प्रदेश के कानुपर में जन्मीं कृतिका ने बताया कि हिंदी माध्यंम से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना आसान नहीं, क्यों कि हिंदी माध्यनम के अभ्य र्थियों के सामने स्टसडी मैटेरियल ही सबसे बड़ी चुनौती रहती है। अंग्रेजी के मैटेरियल को हिंदी में अनुवाद तक करना पड़ता है।

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