झारखंड: हाईकोर्ट ने सीओ को लगाया 5000 रुपये का जुर्माना, जानिये जज ने क्यों जतायी नाराजगी…

 Jharkhand High Court:  हाईकोर्ट ने अंचलाधिकारी पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया है। राजस्व मामले में लापरवाही पर हाईकोर्ट ने ये कार्रवाई की है। इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने हेहल के सिमलिया मौजा के एक भूखंड की लगान रसीद जारी करने के आदेश का पालन नहीं होने पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई।

आपको बता दें कि प्रार्थी सैयद फुरकान अहमद ने अवमानना याचिका दायर की है. प्रार्थी ने कोर्ट के आदेश का पालन कराने की मांग की है। प्रार्थी के पिता के नाम से मौजा सिमलिया में जमीन का रसीद कट रहा था। उनके निधन के बाद रसीद निर्गत नहीं हो रहा था।

इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी, जिसमें रसीद काटने का आदेश दिया गया। इस आदेश के खिलाफ राज्य ने अपील याचिका दायर की, जो खारिज हो गयी. उस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी, जो खारिज हो गयी. इसके बाद प्रार्थी ने अवमानना याचिका दायर की थी।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुना गया। बार-बार समय देने के बाद भी लगान रसीद (रेंट रिसीट) काटने के आदेश का पालन नहीं होने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जतायी और हेहल अंचलाधिकारी पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया। आरोप है कि  सुप्रीम कोर्ट से हारने के बाद भी प्रार्थी की लगान रसीद नहीं काटी गयी।

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर ने कहा कि जुर्माने की राशि अंचलाधिकारी के वेतन से काटी जाये तथा उसे एडवोकेटस क्लर्क एसोसिएशन वेलफेयर फंड झारखंड हाइकोर्ट में जमा किया जाये. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के दौरान अंचलाधिकारी को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की।

 

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