भाजपा-आजसू साथ लड़ेगी विधानसभा चुनाव, गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सुदेश महतो का ऐलान
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा था। सीटों के बंटवारे पर असहमति के बाद गठबंधन टूट गया था। इसका नुकसान दोनों पार्टियों को हुआ था। भाजपा जहां सिर्फ 28 पर अटकी थी, तो वहीं आजसू को दो सीटें मिली थी। हालांकि लोकसभा चुनाव आजसू ने भाजपा के साथ लड़ा था, एक सीट आजसू को मिली थी, जिस पर उसने जीत दर्ज की थी।
रांची/दिल्ली। चुनाव आते ही झारखंड में सियासी समीकरण बनते और बिगड़ते दिख रहे हैं। चंपाई सोरेन ने झामुमो से बगावत कर ली है, तो वहीं 2019 में बागी बनी आजसू अब भाजपा के साथ आ गयी है। विधानसभा चुनाव में आजसू और बीजेपी साथ चुनाव लड़ेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने इसकी घोषणा की है।हालांकि सीट शेयरिंग का फार्मूला बाद में तय होगा। जानकारी के मुताबिक जिन सीटों पर आजसू मजबूत है, वो सीट भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी के लिए छोड़ देगी।
आज नई दिल्ली में माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah जी से मुलाकात हुई। इस अवसर पर झारखंड के विकास, वर्तमान राजनीतिक हालात और आगामी विधानसभा चुनाव से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा हुई।
— Sudesh Mahto (@SudeshMahtoAJSU) August 26, 2024
एनडीए सरकार झारखंड राज्य के लिए आवश्यक है और हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। pic.twitter.com/bCwJKq9Mrp
आपको बता दें कि साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा था। सीटों के बंटवारे पर असहमति के बाद गठबंधन टूट गया था। इसका नुकसान दोनों पार्टियों को हुआ था। भाजपा जहां सिर्फ 28 पर अटकी थी, तो वहीं आजसू को दो सीटें मिली थी। हालांकि लोकसभा चुनाव आजसू ने भाजपा के साथ लड़ा था, एक सीट आजसू को मिली थी, जिस पर उसने जीत दर्ज की थी।
आपको बता दें कि झारखंड में ओबीसी वोटर काफी निर्णायक रहे हैं। आजसू के लिए ओबीसी कैडर वोट है, हालांकि चुनाव के पहले कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बदलकर पार्टी ने कुर्मी वोटरों को लुभाने का दांव खेल दिया है। ऐसे में आजसू के लिए ये विधानसभा चुनाव काफी चुनौतियों से भरा होगा। पार्टी के लिए भाजपा अब फायदेमंद साबित होती है या नहीं, इस पर सभी की नजर होगी।