क्या सिर्फ झारखंड में ही 6 टू 8 शिक्षक भर्ती हो रही है? शिक्षक भर्ती परीक्षा के पैटर्न पर भड़के अभ्यर्थी ने नेता प्रतिपक्ष को लिखा...

By :  HPBL
Update: 2024-07-14 16:07 GMT

रांची। JSSC को लगता है विवादों में रहने की आदत सी पड़ गयी है। फिर चाहे बात विज्ञापन जारी करने हो, रिजल्ट देन की या फिर परीक्षा आयोजित करने की... किसी ना किसी मुद्दे पर JSSC को लेकर विवाद छा ही जाता है। ताजा विवाद झारखंड में शिक्षक भर्ती को लेकर सामने आया है। परीक्षा के पैटर्न को लेकर JSSC को अभ्यर्थियों ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस मामले में अब भाजपा भी सरकार को घेर रही है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने एक अभ्यर्थी के पोस्ट को सोशल मीडिया में जारी किया है, जिसमें उन्होंने सहायक आचार्य की परीक्षा की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये हैं।

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अमर बाउरी ने अभ्यर्थी के पोस्ट के साथ लिखा है कि आज फिर एक अभ्यर्थी ने अपना दर्द बयां किया, जरूर पढ़ें इस सन्देश को झारखण्ड में अभ्यर्थियों का हाल बेहाल है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जान कर अलग-अलग तरीके से अभ्यर्थियों को परेशान किया जा रहा है ! जब राज्य के नेतृत्वकर्ता की प्राथमिकता "लूट और झूठ" हो तो राज्य के युवाओं का भविष्य अंधकार-मय होगा ही ! आखिर युवाओं से इतनी नफरत क्यूँ है, हेमंत जी ?

शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर अभ्यर्थी ने दर्द नेता प्रतिपक्ष को बताया

ये जो जेएसएससी के द्वारा झारखंड सहायक आचार्य की परीक्षा ली जा रही है.. इसमें जेएससीसी के द्वारा परीक्षा को मजाक बना दिया गया है! एक तो परीक्षा का कोई एक पेपर न लेकर चार पेपर में लिया जा रहा है वह भी अलग - अलग दिन ! अब बताइए की चार दिन जा कर के अलग अलग जिलों में एग्जाम देने में गरीब छात्रों को कितनी दिक्कत हो रही है इसका ये सरकार को अंदाजा है?? यहां PGT, TGT का परीक्षा में केवल दो पेपर कराकर ज्वाइनिंग दे दिया जाता है और 6 टू 8 सहायक आचार्य की भर्ती परीक्षा में चार पेपर और चार दिन। इससे ऐसा लगता है कि सरकार और जेएसएससी जान बूझकर अभ्यर्थियों की आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रही है ! मैं सरकार से पूछना चाहता हूं की क्या भारत में केवल झारखंड ही एक ऐसा प्रदेश है जहां पे 6 टू 8 में टैलेंटेड टीचर के रूप में भर्तियां कर रही है या अन्य राज्य भी भर्तियां करती है? सरकार को ये समझना होगा की केवल 100 रुपए में फॉर्म भरवा लेने से नहीं होता है... आपको ये भी समझना होगा कि कैसे करके अभ्यार्थियों को कम परेशान करके सफलता पूर्वक एग्जाम कंडक्ट कर लिया जाय ! साथ ही ये भी सरकार समझे की आचार्य की तैयारी करने वाला औसतन मध्यम परिवार के ही होते है...! आशा है अब भी इस मामले में उचित कदम सरकार उठाएगी ! इसी आशा के साथ !

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