झारखंड: "स्वास्थ्य मंत्री बंगला चमकाने में...और मुख्यमंत्री झूठ बोलने में व्यस्त"...प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर बाबूलाल मरांडी का बड़ा हमला

By :  Aditya
Update: 2024-08-04 15:12 GMT

रांची। झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्गति किसी से छुपी नहीं है। आज भी प्रदेश के कई अस्पताल बुनियादी संसाधनों केलिए जूझ रहे हैं। पिछले दिनों आयी मीडिया रिपोर्ट में बताया कि 11 साल में बोकारो के सदर अस्पताल में सीटी स्कैन, एमआरआई और ईको जांच की सुविधा नहीं है।

100 बेड का अस्पताल तो तैयार कर दिया गया है, लेकिन आज भी जो अस्पताल में व्यवस्था होनी चाहिये, वो उसे मिल नहीं पा रही है। 2013 में सीटी स्कैन से लेकर अन्य सुविधा मुहैय्या कराने का दावा किया गया था, लेकिन आज 11 साल बाद भी अस्पताल में व्यवस्थाएं बेहतर नहीं हो पायी है।

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इधर स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों को घेरा है।


उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री अपना बंगले की सुंदरता बढ़ाने में व्यस्त हैं और मुख्यमंत्री झूठ बोलने में, जिसके कारण झारखंड के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अपने निम्नतर स्तर पर आ गई है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि प्रदेश भर में कहीं डॉक्टर की कमी से जूझते अस्पताल हैं, तो कहीं दवाइयों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझते परिवारजनों का हाल बेहाल है।

हेमंत सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बदतर हो गई हैं कि उन्हें खुद आईसीयू में एडमिट कर इलाज कराने की जरूरत है। व्याप्त अव्यवस्था और भ्रष्टाचार से रिम्स और सदर अस्पताल में मरीज अपना इलाज कराने से कतरा रहे हैं, कुछ मरीज पैसों की कमी के चलते अगर सरकारी अस्पताल पहुंच भी जाते हैं तो उन्हें इंजेक्शन और दवाइयों के नाम पर लूटा जाता है।

बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां भी बाहर से खरीदकर लानी पड़ती हैं, दवाइयां तो छोड़िए मरीज के लिए खाना भी बाहर से खरीदना पड़ रहा है।

इन सबके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री अपना बंगले की सुंदरता बढ़ाने में व्यस्त हैं और मुख्यमंत्री झूठ बोलने में, जिसके कारण झारखंड के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अपने निम्नतर स्तर पर आ गई है।

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