Jharkhand Politics : झारखंड कांग्रेस में होगा घमासान! आधे विधायकों की टिकट पर मंडरा रहा खतरा

Update: 2024-08-26 15:20 GMT

 Jharkhand Politics: झारखंड में कांग्रेस के आधे विधायकों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर के साथ विधायक दल की बैठक में इस बात के संकेत दे दिए गए हैं।

इस बार टिकट कटने का आधार बनेगा लोकसभा चुनाव में विधायक के क्षेत्र में पार्टी समर्थित उम्मीदवार का प्रदर्शन। कांग्रेस के 17 विधायक पहले से थे और भाजपा के मांडू विधायक के पार्टी में शामिल होने के साथ इनकी संख्या 18 मान ली गई है।

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इन 18 सीटों में से आधी यानि कि आठ सीटों पर कांग्रेस अथवा कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से कम वोट मिले हैं। इनमें खास तौर पर जरमुंडी सीट की चर्चा हो रही है, जहां कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को भाजपा से कम वोट मिले।

यही कारण रहा कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा। हालांकि, उनके खिलाफ पहले से ही कार्यकर्ताओं की शिकायतों की भरमार थी। इस कार्रवाई से कांग्रेस के अन्य नेताओं के बीच भी कार्रवाई किए जाने का संकेत गया।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने विधायक दल के साथ एक दिवसीय बैठक के दौरान इस बात के संकेत दिए हैं कि जिनके क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में पार्टी समर्थित प्रत्याशी का प्रदर्शन खराब रहा है, उनसे मुक्ति पाई जा सकती है।

उन्होंने सिर्फ इसी का आधार बनाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि इसके अलावा हम अपने विधायकों को एक मौका भी दे रहे हैं।

हर क्षेत्र में सीनियर कांग्रेस नेताओं की एक टीम बनाई जा रही है, जो सीधे प्रदेश प्रभारी को रिपोर्ट करेगी। अगर इनकी रिपोर्ट में विधायक का प्रदर्शन बेहतर माना गया तो पार्टी उन पर विचार करेगी। शीघ्र ही सभी जिलों के लिए 10-12 लोगों की अलग-अलग टीम बन जाएगी।

कांग्रेस या उसके समर्थित उम्मीदवारों को इन क्षेत्रों में कम वोट मिले थे

झारखंड विधानसभा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं। इनमें आठ विधायकों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। ये वो विधायक हैं जिनके क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पिछड़ गई थी।

विधानसभा चुनाव को लेकर रविवार को उन्होंने रांची में कांग्रेस विधायकों के इस बात के संकेत दिए कि अब जिलों में अलग-अलग कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी जाएगी एवं उनकी अंदरूनी रिपोर्ट विधायक के पक्ष में रही तो ही टिकट मिलेगा। माना जा रहा है कि चुनाव के पूर्व विधायकों के पास यह आखिरी मौका है।

इन आठ विस क्षेत्रों में पीछे रह गए थे कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार

बेरमो, बरही, बड़कागांव, मांडू, पोड़ैयाहाट, जरमुंडी, झरिया, जमशेदपुर पश्चिमी।

यहां कांग्रेस और झामुमो उम्मीदवारों को मिली थी बढ़त

मांडर, कोलेबिरा, सिमडेगा, जगन्नाथपुर, जामताड़ा, महगामा, खिजरी, लोहरदगा, पाकुड़, मनिका।


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