झारखंड: "बेटे की उम्र, पिता से ज्यादा" बाबूलाल मरांडी ने मतदाता सूची फर्जीवाड़े का लगाया आरोप, कहा, वोटरों की संख्या 123% तक कैसे बढ़ी ?

By :  Aditya
Update: 2024-09-04 17:12 GMT

रांची। झारखंड में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा चुनाव में गरमायेगा। भाजपा लगातार इस मुद्दे पर हेमंत सरकार को घेर रही है। भाजपा को पता है कि इस मामले को अगर संथाल परगना में जोरशोर से उठाया गया, तो बड़ा आदिवासी वोट बैंक भाजपा के पक्ष में आ सकता है।


दरअसल संथाल परगना के काफी लोग घुसपैठ से प्रभावित हैं, जो भाजपा से इस मुद्दे से प्रभावित हैं। लिहाजा भाजपा ने इसे लेकर लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसे लेकर एक बड़ा ही गंभीर आरोप हेमंत सोरेन पर लगाया है।

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बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड में बांग्लादेशी मुसलमानों के घुसपैठ का असर साफ देखा जा सकता है। संथाल परगना की भौगोलिक स्थिति बांग्लादेश के निकट होने के कारण यहां घुसपैठिए आसानी से संथाल क्षेत्र में आकर आदिवासियों की जमीनें हड़प रहे हैं और उनके अस्तित्व को मिटा रहे हैं।

हेमंत सोरेन की सरकार घुसपैठ के तथ्यों को छिपाकर मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा कर रही है, जिसका प्रमाण साहिबगंज में मिला है, जहां पुत्र की आयु पिता की आयु से बड़ी है।

हेमंत सरकार द्वारा ऐसे ही फर्जीवाड़ा के कारण कुछ बूथों पर मतदाताओं की संख्या अचानक से 123% तक बढ़ी है। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही सारे बांग्लादेशियों को चुन चुनकर झारखंड से बाहर खदेड़ा जाएगा। हेमंत सोरेन जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं।

हेमंत सोरेन जी का कार्यकाल वादाखिलाफी से भरा हुआ है। उन्होंने राज्य के युवा, महिला, किसान, दलित, आदिवासी समाज सबको धोखा दिया है। यदि हेमंत जी को मेरी बात बुरी लगती है, तो उन्हें अपने पिता शिबू सोरेन की बात माननी चाहिए।

हेमंत सोरेन ने किया पलटवार

इधर मुख्यमंत्री ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार किया है। हजारों युवाओं को हमने नौकरी देने का भी काम किया। यहां के विपक्ष के लोगों ने टीना का चश्मा लगाया है इन्हें कुछ नहीं दिखता। अभी 2-3 महीने में चुनाव होने वाला है। इनकी चल नहीं रही तो अन्य राज्यों से अपने नेताओं को बुलाते हैं।


इनके असम के नेता तो हिन्दू-मुस्लिम और सरकार गिराने का षड्यंत्र रचते रहते हैं। इनसे खुद अपना राज्य संभल नहीं रहा, पूछिये क्या है वहां युवाओं और महिलाओं की हालत? यही बांग्लादेशी को रास्ता दे रखे हैं, खुद रास्ता देते हैं और कहते हैं कि झारखण्ड में घुसपैठ हो रहा है। खुद बोलते हैं कि असम से बांग्लादेशी पूरे देश में जाते हैं। आपके यहां ही रास्ता है तो रास्ता क्यों नहीं बंद कर देते।


यह वीर शहीदों की भूमि है, यहां हम इन षड्यंत्रकारियों की चलने नहीं देंगे। इन्हें लगता है कि मैं अकेला हूँ, यह मुझे परेशान कर देंगे। लेकिन मेरे साथ तो लाखों-करोड़ों मेरी माताएं-बहनें हैं। यह शेरनियां देंगी भाजपा के षड्यंत्र को मुंह तोड़ जवाब।


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