जैसे मिली थी सीएम की कुर्सी, वैसे ही छीन भी ली गयी, शिबू सोरेन के बाद अब चंपाई के नाम दर्ज हो गया ये रिकॉर्ड, जानिये उनके बारे में
Champai Soren Biography In Hindi: चंपाई सोरेन की बतौर मुख्यमंत्री पारी बहुत छोटी सी रही। सिर्फ 152 दिनों तक मुख्यमंत्री रहने के बाद चंपाई सोरेन को कुर्सी छोड़ने पड़ी। बहुत ही लो प्रोफाइल में रहने वाले चंपाई सोरेन को सोरेन परिवार का सबसे विश्वस्त सिपेहसलार कहा जाता है। क्षेत्र में जमीनी पकड़ रखने वाले चंपाई ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी अपनी सादगी नहीं छोड़ी। चंपाई ने 2 फरवरी 2024 को उन्होंने 12वें सीएम के रूप में शपथ ली थी।
चंपई सोरेन झारखंड की राजनीति में एक जुझारू नेता और जमीन से जुड़े हुए नेता के रूप में जाने जाते हैं। चंपई सोरेन सामान्य किसान परिवार से हैं। वो अपने माता पिता की सबसे बड़ी संतान हैं। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही की, वो अपने पिता के साथ जिलिंगगोरा गांव में रहते थे और अपने पिता का हाथ बंटाते थे। कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई। उनके तीन बेटे और 2 बेटियां हैं।
राजनीति में उन्होंने शिबू सोरेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। लोग प्यार से उन्हें झारखंड टाइगर के नाम से जाने जाते हैं। पहली बार वो सरायकेला सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। बाद में वो झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए। वो लगातार चार बार से सरायकेला से विधायक रहे हैं। हालांकि साल 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद वो लगातार चुनाव में विजयी रहे। झारखंड सरकार में मंत्री भी बने।
साल 2010 से 13 के दौरान वो अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। राज्य में राष्ट्रपति शासन हटने के बाद बनी झामुमो की सरकार में वो फिर एक बार मंत्री बने। 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी तो हेमंत कैबिनेट में वो फिर से मंत्री बनाए गए। इसके साथ ही वो झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें अब संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की बात कही जा रही है।
बीजेपी सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री
बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया।
हेमंत सोरेन की सरकार में दूसरी बार बने मंत्री
वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं. अब उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद चंपई झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे।
10वीं पास करोड़पति हैं पूर्व CM चंपई सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 10वीं तक की पढ़ाई की है, लेकिन उनका राजनीतिक एक्सपीरियंस बहुत ज्यादा है. नेटवर्थ की बात करें, तो MyNeta.com पर 2019 में उनके द्वारा दिए गए चुनावी हलफनामे के आधार पर Champai Soren Networth की जानकारी शेयर की गई है. इसके मुताबिक, चंपई सोरेन के पास करीब 2.28 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है. इसमें उनके पास महज 70,000 रुपये कैश है, जबकि बीबी और बच्चों समेत तमाम बैंक अकाउंट्स में जमा 60,19,072 रुपये शामिल हैं।
कार-बंदूकें और जमीन
चंपाई के नाम पर तीन गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं जिनमें से एक Toyota Fortuner की कीमत 34 लाख रुपये है, जबकि पत्नी के नाम पर दो गाड़ियां हैं, जिनकी वैल्यू 66 लाख रुपये है. ज्वैलरी के नाम पर उनते पास 40 ग्राम सोना करीब 1,23,640 रुपये का है, जबकि पत्नी के पास 5 लाख रुपये से ज्यादा के जेवर हैं. चंपई सोरेन के पास करीब 2.5 लाख रुपये के हथियार हैं, जिनमें 1 लाख रुपये की पिस्टल, 95 हजार रुपये की राइफल और 45 हजार रुपये की एक डबल बैरेल बंदूक है। अचल संपत्ति की बात करें तो चंपई सोरेन के पास 39,52,000 रुपये की एग्रकल्चर लैंड, 9 लाख रुपये कीमत का एक घर है. वहीं पत्नी के नाम पर 4,42,000 रुपये की एक लॉन एग्रीकल्चर लैंड है. इनके पास इस तरह से कुल मिलाकर 2 करोड़ रुपये के आस-पास संपत्ति है, लेकिन चंपई सोरेन के ऊपर कर्ज भी 76 लाख रुपये का है।