झारखंड में FIR पर गरमायी सियासत, झामुमो बोली, भाजपा को हेमंत सोरेन का शुक्रिया कहना चाहिये, कि सिर्फ FIR भर हुआ, नहीं तो.....

By :  Aditya
Update: 2024-08-26 16:22 GMT

रांची। युवा आक्रोश रैली को खत्म हुए भले ही चार दिन हो गये हो, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में आपसी आक्रोश अभी खत्म नहीं हुआ है। झामुमो ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाये।


झामुमो के केन्द्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि प्रर्याप्त साक्ष्य है कि किस तरह से उपद्रवियों ने पुलिस को उकसाया, उन पर पत्थर फेंके और राजधानी को अशांत करने की कोशिश की। युवा आक्रोश रैली में पुलिस की दर्ज FIR पर हिमंता विस्वा सरमा के आरोपों पर भी झामुमो ने पलटवार किया।

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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हिमंता कह रहे थे इतने सारे लोगों पर कभी FIR दर्ज नहीं की गयी। जबकि देश में कई उदाहरण हैं जहां कई FIR दर्ज हुई है। 2020 में में किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार ने कितने FIR किसानों पर दर्ज किये थे, इसकी जानकारी उन्हें लेने चाहिये। आपको बता दें कि भाजपा के 51 से अधिक नेताओं पर नामजद और 12 अज्ञात नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रैली में उपद्रवियों का जमावड़ा लगा था जो विशेष लेजर ग्लब्स, तार काटने वाला पिलास और पत्थर लेकर मोराबादी मैदान पहुंचें थे। झामुमो नेता ने कहा कि जिस तरह की हरकत भाजपा के नेताओं ने उस दिन की, उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रिया कहना चाहिए कि सिर्फ उन पर FIR हुआ है और वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात कह पा रहे हैं।

अगर झारखंड की जगह इस तरह का काम यूपी या एमपी में होता तो पत्थरबाजों का घर ढहा दिया जाता। यहां ये भाजपा वाले लोग सिर्फ FIR से डर गए।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान शाम में आये और सुबह चले गये, आखिर ऐसा क्यों किया, अब जब FIR दर्ज किया गया, तो हिमंता प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए आ गये। झामुमो नेता ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार में खूंटी में 10 हजार अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी कैसे दर्ज हुई थी.


भाजपा राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनावी लड़ाई देश भर में हारने जा रही है. इसलिए हरियाणा में भाजपा सरकार चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने का आवेदन चुनाव आयोग को देती है तो यहां विधि व्यवस्था खराब करना चाहती है।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के भाषण सुनने के लिए कोई नहीं था, उनके संबोधन के समय में चालक और कुछ पुलिसकर्मी भर ही मौजूद थे। बाकी उपद्रवी लोग गुरुजी के घर तक पहुंच गये। पुलिस ने उस वक्त आंसू गैस के गोले दागे।


झामुमो ने पुलिस को क्लीन चिट देते हुए कहाकि पुलिस ने काफी संयम का परिचय दिया, इसलिए सिर्फ वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छूटे। उन्होंने कहा कि लाठियां नहीं चली, भाजपा कार्यकर्ता ही उकसाने का काम कर रहे थे।

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