...आखिर कौन था दारोगा अनुपम कच्छप का दुश्मन, SIT को कातिल को ढूंढ निकालने के लिए 72 घंटे की मिली मोहलत
SI Anupam Kashap: …आखिर कौन था दारोगा अनुपम का दुश्मन ? बीच रास्ते गोली मारने की घटना और वो भी पुलिस अफसर को गोली मारा जाना? कोई सामान्य घटना नहीं हो सकती ।
लिहाजा एसआईटी से कहा गया है कि 72 घंटे के भीतर केस को सॉल्व करें। यही वजह है कि पुलिस की जांच में हर एंगल का ख्याल रखा जा रहा है। तभी तो जिन 14 संदेही से पूछताछ हुई है, उसमें वो सारे लोग शामिल हैं, जो या तो दारोगा अनुपम के करीबी थे या फिर आखिरी वक्त में उसके साथ मौजूद थे।
एसआईटी की टीम उन आखिरी पल के साथी रहे लोगों से बारीकी से पूछताछ कर रही है। पुलिस को शक है कि अनुपम को किससे जान का खतरा था, उसका जिक्र तो उसने जरूर ही अपने किसी दोस्तों से किया होगा। हालांकि अभी तक पुलिस को बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। दारोगा अनुपम कच्छप स्पेशल ब्रांच में तैनात थे और उनका शव रिंग रोड से बरामद किया गया।
अनुपम कच्छप 2018 बैच के दारोगा थे। 2 और 3 अगस्त की दरम्यानी रात अनुपम कुमार कच्छप अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए निकले थे। बीआईटी सिंदरी से 2014 में बीटेक करने वाले अनुपम रांची के खूंटी जिले के रहने वाले थे.
अनुपम झारखंड पुलिस मुख्यालय स्थित स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित थे जहां वे अपराधियों पर शिकंजा कसते थे. पुलिस टीम के साथ स्पेशल ब्रांच भी मामले की जांच कर रही है. बीआईटी सिंदरी से बीटेक करने के बाद अनुपम 2018 में पुलिस सेवा में शामिल हुए थे.
पार्टी मनाने गये थे दारोगा अनुपम
इसी क्रम में कांके थाना क्षेत्र के संग्रामपुर गांव में रिंग रोड पर अमर होटल के पास उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। अनुपम अपने कुछ दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए कांके रिंग रोड स्थित एक ढाबे पर गए थे. रात करीब 1 बजे तक अनुपम और उनके दोस्तों की पार्टी चलती रही, रात करीब 2 बजे अनुपम अपनी बाइक से निकले जबकि उनके बाकी दोस्त कार से चले गए.
इसी दौरान अपराधियों ने अनुपम की गोली मारकर हत्या कर दी. सब इंस्पेक्टर अनुपम को अपराधियो ने चार गोलियां मारी हैं. एक गोली हाथ में लगी है. वहीं दो गोलियां शरीर को छेदते हुए बाहर हो गई. जबकि एक गोली सीने में फंसी हुई है।