Breast Cancer: महिलाओं मे नाइट शिफ्ट का पड़ रहा है बुरा प्रभाव,बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

Update: 2024-09-14 12:38 GMT

Night Shift Health Impact: कॉर्पोरेट की भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों कि दिन-रात की नींद छीन ली है, वहीं कई लोगों को रात की शिफ्ट में काम करना पड़ता है। मेडिकल, कॉल सेंटर्स जैसी कई ऐसी सर्विस हैं जहां 24 घंटे काम करना एक सामान्य बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाइट शिफ्ट का गंभीर प्रभाव आपकी सेहत पर कितना पड़ सकता है ?

हाल ही में हुए एक अध्ययन ने यह खुलासा किया है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में Breast Cancer का खतरा काफी बढ़ जाता है। रात को सोना हमारी प्राकृतिक दिनचर्या का हिस्सा है, और जब आप पूरी रात काम करते हैं, तो इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ, यह खतरा और भी बढ़ जाता है।

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ब्रेस्ट में गांठ बनने लगती है

जामा जर्नल के मुताबिक दूसरी महिलाओं के मुकाबले नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को Breast Cancer का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है. इस रिसर्च के अनुसार, 24 घंटे की बॉडी क्लॉक के बिगड़ने से कैंसर सेल्स बनने लगते हैं। इसके कारण शरीर में कैंसर की गांठें बनने लगती हैं।

रात मे जगने से क्यों बढ़ता है कैंसर का खतरा

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का कहना है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसका कारण है मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर कम हो जाना ,यह हार्मोन शरीर में कैंसर को रोकने का काम करता है. जो रात में सोने से बनता है और शरीर को कैंसर से बचाता है। जब रात में न सोने के कारण मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित होता है, जिससे कैंसर के सेल्स और ट्यूमर के विकास का जोखिम बढ़ जाता है।

ज्यादा स्मोकिंग से कैंसर का खतरा

रात में जागने और स्मोकिंग करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग अक्सर नींद से बचने के लिए स्मोकिंग करते हैं, जो शरीर में कैंसर के सेल्स को बढ़ाता है और कैंसर का जोखिम बढ़ा देता है।

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