IPS Alok Raz : झारखंड, बिहार और बंगाल में क्रिमिनल्स इस IPS के नाम से कांपते हैं, ससुर भी रह चुके हैं डीजीपी, अब दामाद भी बनेंगे डीजीपी, जानिये क्यों हैं सोशल मीडिया में चर्चिंत

By :  Aditya
Update: 2024-08-30 23:12 GMT

IPS News : 1989 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक राज को प्रदेश का नया डीजीपी बनाया है। इस संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। आलोक राज वर्तमान में बिहार पुलिस में निगरानी जांच ब्यूरो के महानिदेशक (डीजी) के रूप में कार्यरत हैं। अधिसूचना के मुताबिक आलोक राज अगले आदेश तक बिहार पुलिस के महानिदेशक बने रहेंगे।

वह 31 दिसंबर 2025 तक डीजीपी बने रहेंगे। यानी विधानसभा चुनाव तक वह बिहार के डीजीपी रहेंगे। इससे पहले से ही आलोक का नाम डीजीपी के लिए तय माना जा रहा था क्योंकि वह इस समय राज्य में सबसे सीनियर आईपीएस अफसर हैं। जानकारी के अनुसार, आलोक राज 31 दिसंबर 2025 में पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। तब तक वह पद पर बने रहेंगे।

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जानिये कौन हैं आलोक राज

आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार के ही रहने वाले हैं। उनका पैतृक गांव मुजफ्फरपुर जिले के सरैंया प्रखंड के नेऊरा गांव है। अभी इनकी फैमिली पटना के कंकड़बाग में रहती है। यह आवास उनके पिता ने बनवाया है। आलोक राज के ससुर भी बिहार पुलिस के डीजीपी रह चुके हैं।

लालू यादव की सरकार में उनके ससुर डीएन सहाय डीजीपी थे। आलोक राज संगीत के शौकीन माने जाते हैं। सोशल मीडिया पर उनके गाए हुए गाने वायरल होते रहते हैं। भोले बाबा पर उन्होंने गाना गाया था जोकि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। बताया जाता है कि आलोक राज कई एल्बम भी बना चुके हैं।

आलोक राज को बिहार, झारखंड और बंगाल में पुलिसिंग का करीब 35 वर्षों का लंबा अनुभव है। वर्ष 1989 में आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग पटना सिटी के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में हुई। यहां चार कुख्यात अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के लिए आलोक राज को पुलिस वीरता पदक से अलकृंत किया गया।

इसके अलावा, वह अविभाजित बिहार में रांची, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, हजारीबाग, सीतामढ़ी और बेगूसराय जिले के एसपी भी रहे। वर्ष 2004 से 2011 तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कार्यरत रहें जहां सात साल में चार बार उन्हें सीआरपीएफ डीजी के प्रशंसा डिस्क से सम्मानित किया गया।

बंगाल के नंदीग्राम में जब टाटा नैनो प्लांट के विरोध में जब हिंसक आंदोलन हुआ तो बतौर सीआरपीएफ आइजी आलोक राज ने कई दिनों तक वहां मोर्चा संभाले रखा। नंदीग्राम में शांति बहाली और विधि-व्यवस्था बहाल करने के लिए उनकी उस समय पूरे देश में प्रशंसा हुई।

आलोक राज मूल रूप से मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। वह पटना विश्वविद्यालय से एमएससी भूगर्भशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। उत्कृष्ट पुलिस करियर के लिए आलोक राज को तीन बार राष्ट्रपति के द्वारा पदक से अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1994 में पुलिस वरीता पदक, वर्ष 2008 में सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2016 में विशिष्ट सेवा पदक मिला।

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