झारखंड: सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक अधिकारियों की हत्या उचित नहीं… आखिर बाबूलाल मरांडी ने क्यों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को क्यों चेताया
Jharkhand: Killing democratic officers in the arrogance of power is not justified... Why did Babulal Marandi warn Chief Minister Hemant Soren?
JSSC-CGL Protest: झारखंड में JSSC-CGL परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग तेज हो रही है। इधर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस टीम सख्त होती जा रही है। जानकारी के मुताबिक कई प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है।
इधर भाजपा ने आंदोलनकारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर नाराजगी जतायी है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि JSSC-CGL में गड़बड़ी का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा की जा रही कारवाई बेहद चिंताजनक है।
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि यदि यह सूचना सही है तो फिर सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कतई उचित नहीं है। जनता ने आपको बहुमत प्रदान किया है। इसलिए जनादेश का सम्मान करते हुए छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करें और इस मामले का संज्ञान लेकर छात्र आंदोलनकारियों पर किए जा रहे पुलिसिया कारवाई को अविलंब रोकें।
दरअसल सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट कर आनंद कुमार ने बताया है कि सूचना मिल रही है कि एग्जाम फाइटर्स के संचालक कुणाल प्रताप सिंह के घर आज रात पुलिस पहुंची थी.15 को अभ्यर्थियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है और 17 दिसंबर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई है.JSSC CGL आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कुणाल अपराधी नहीं हैं.धैर्य रखना चाहिए।
आपको बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2023 का रिजल्ट रद्द करने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में छात्र और अभ्यर्थी रांची में जेएसएससी कार्यालय नामकुम के बाहर धरना प्रदर्शन कर सकते हैं। पुलिस के द्वारा कई स्थानों पर छात्रों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी की गई है। झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को अलर्ट करते हुए पत्र भी भेजा है।
स्पेशल ब्रांच के द्वारा जारी किए गए पत्र में यह लिखा गया है कि जानकारी मिली है कि 15 नवंबर को नामकुम थाना क्षेत्र स्थितजेएसएससी के सामने सीजीएल परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिले मुख्यतः रांची, हजारीबाग, रामगढ़ ,धनबाद, बोकारो ,चतरा, गिरिडीह, जमशेदपुर, दुमका, सरायकेला, पलामू और गढ़वा से 4000 से 5000 की संख्या में अभ्यर्थी प्रदर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. स्पेशल ब्रांच की ओर से बताया गया है कि छात्रों के आंदोलन को सभी प्रमुख विपक्षी दलों का भी समर्थन प्राप्त है।