जयराम महतो बनेंगे डॉक्टर: पढ़ाई को लेकर यूनिवर्सिटी में ली डिटेल जानकारी, विधानसभा सत्र के बाद करेंगे क्लास

Jairam Mahato will become a doctor: Took detailed information about studies in the university, will take classes after the assembly session

Jairam Mahto Biography In Hindi: जयराम महतो विधायक बनने के बाद भी पढ़ाई से नाता नहीं तोड़ेंगे। समाजसेवा के साथ-साथ वो अपनी पढ़ाई भी पूरी करेंगे। जयराम महतो बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हैं। पीएचडी का फाईनल ईयर चल रहा है। शुक्रवार को वो बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय पहुंचे, तो वहां प्रोफेसर और फेकल्टी स्टाफ ने उनका स्वागत किया।

 

डुमरी से विधायक बने जयराम महतो ने पीएचडी इंग्लिश की फाइनल पढ़ाई पूरी करने को लेकर आज BBMKU यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर से चर्चा की। इस दौरान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर समेत छात्रों ने उनका स्वागत किया। विधानसभा सत्र के बाद पीएचडी की पढ़ाई और नियमित कक्षा में विधायक जयराम महतो शामिल होंगे।

 

कौन हैं जयराम महतो? (Jairam Mahto Biography In Hindi)

जयराम महतो का जन्म 27 दिसंबर 1994 को धनबाद जिले के मंतंद गांव में हुआ> उन्होंने अपनी पढ़ाई कोयलांचल विश्वविद्यालय से की और पिछले चार साल से भाषा, स्थानीयता और रोजगार के मुद्दों पर आंदोलन कर रहे हैं। झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS) के नाम से उन्होंने 2023 में एक पार्टी का गठन किया, जो अब झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के रूप में जानी जाती है।

 

उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। भले ही उनकी पार्टी सिर्फ एक सीट ही जीत पायी, लेकिन पूरे झारखंड में उनकी पार्टी ने अपनी छाप छोड़ी। भाजपा के झारखंड में करारी हार के पीछे की ये भी एक बड़ी वजह बतायी जा रही है। जयराम महतो झारखंड की राजनीति में तेजी से उभरते नेता हैं। युवाओं में जयराम महतो का काफी क्रेज है। उनकी सक्रियता से झारखंड की राजनीति में भरोसे की भावना जागृत हुई है।

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राजनीति में एंट्री कैसे हुई?

झारखंड सरकार ने दिसंबर 2021 को एक अधिसूचना जारी की थी। इसके मुताबिक, राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए झारखंड की बाहरी भाषाओं जैसे भोजपुरी, मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया था। इस अधिसूचना के बाद से झारखंड में भाषा आंदोलन शुरू हो गया. इस अधिसूचना से नाराज स्थानीय युवाओं ने बोकारो, गिरिडीह और धनबाद जिलों में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और इन्हीं प्रदर्शन के दौरान जयराम महतो का नाम निकलकर आया, क्योंकि वे कई जगहों पर युवाओं का नेतृत्व कर रहे थे।

 

इसके बाद से जयराम लगातार भाषा, स्थानीयता और रोजगार के मुद्दे पर मुखर रहे हैं। साल 2023 में उन्होंने ‘झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति’ के नाम से एक संगठन की स्थापना की. इस साल अगस्त में उनका राजनीतिक दल ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ (JLKM) रजिस्टर हो गया।

 

लोकसभा चुनाव में JLKM का प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव में JLKM ने 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें गिरिडीह, रांची, कोडरमा, हजारीबाग, और धनबाद जैसी महत्वपूर्ण सीटें भी शामिल थीं। JLKM एक भी सीट जीतने में असफल रही, लेकिन कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को अच्छी-खासी संख्या में वोट मिले। गिरिडीह से जयराम महतो को 3 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं रांची सीट से पार्टी उम्मीदवार देवेंद्र नाथ महतो को 1 लाख 32 हजार से ज्यादा वोट मिले। हजारीबाग से संजय कुमार मेहता को 1 लाख 57 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।

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