शराब और पार्टी प्रेमी को बड़ा झटका : पढ़िए अब कितने बजे तक ही खुलें रहेंगे बार और रेस्टोरेंट
रांची। राज्य भर के शराब और पार्टी के शौकीन की बड़ा झटका लगा है। आज हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में आदेश दिया की बार और रेस्टुरेंट खुले रहने की अधिकतम अवधि निर्धारित होनी चाहिए। कोर्ट ने रांची के मेन रोड इलाके में स्थित एक बार में पिछले महीने एक युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान के आधार पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह निर्देश दिया।शराब
झारखंड हाई कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करें कि रात 12:00 बजे के बाद किसी भी हालत में बार एवं रेस्टोरेंट खुला नहीं रहे. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पुलिस की टीम बनाई गई है जो बार एवं रेस्टोरेंट पर नजर रखेगी. सरकार की ओर से यह भी कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर में चल रहे बार एवं रेस्टोरेंट के बंद होने एवं खुलने होने का समय कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
कोर्ट ने मौखिक कहा कि अफीम, चरस, गांजा के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के संबंध में सरकार का शपथ पत्र अदालत को गुमराह वाला नहीं होना चाहिए.मालूम हो की रांची में बार एवं रेस्टोरेंट की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है इनमें से कई ऐसे भी बार और रेस्टोरेंट है जिन्होंने बार का लाइसेंस नहीं लिया है और उनके यहां शराब पीने की व्यवस्था रहती है. इनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए.
पहले के मामले में भी कोर्ट ने रांची डीसी, एसएसपी और एक्साइज कमिश्नर को तलब कर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने अफसरों को निर्देश दिया कि स्कूलों और मंदिरों के आस-पास बार एवं रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत न दी जाए।
हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा की पुलिस नशा रोकने के अभियान को सिर्फ आईवास के रूप में ना ले, सामाजिक दायित्व देखते हुए नशा उन्मूलन के लिए अभियान चलाएं. कोर्ट ने कहा राजधानी रांची के लालपुर, डोरंडा, बिरसा चौक के आसपास, तुपुदाना में कई रेस्टोरेंट खुले हैं, जहां लोग रात में शराब का सेवन करते हैं, इन रेस्टोरेंट के पास बिना लाइसेंस के ही शराब की व्यवस्था रहती है.
नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो के अधिवक्ता ने कहा कि सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से पुलिस को कई अफीम की खेती के बारे में उनकी ओर से जानकारी दी गई थी, जिसे पुलिस ने ध्वस्त कर दिया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई निर्धारित की है. बता दें कि खूंटी में अफीम के फसलों को नष्ट करने एवं झारखंड में अफीम, चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार वृद्धि पर हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है.